स्टिंग मामले में दोषी वरिष्ठ वकील आनंद और खान की वकालत पर रोक (लीड-1)
नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। बहुचर्चित बीएमडब्ल्यू कांड में एक प्रमुख गवाह को घूस देने के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को दो वरिष्ठ वकीलों आर. के. आनंद और आई. यू. खान को दोषी करार देते हुए अगले चार महीने तक उनके वकालत करने पर रोक लगा दी।
उच्च न्यायालय ने एक निजी टेलीविजन चैनल द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन के आधार पर आनंद और खान को बीएमडब्ल्यू कांड के मुख्य गवाह सुनील कुलकर्णी को रिश्वत देने की कोशिश करने का दोषी करार दिया।
न्यायमूर्ति मनमोहन सरीन और न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर की खंडपीठ ने इस मामले में बचाव पक्ष के वकील आनंद और विशेष अभियोजक खान पर जहां चार महीने तक वकालत करने पर पाबंदी लगा दी, वहीं उन पर दो-दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
खंडपीठ ने 112 पृष्ठों के अपने फैसले में कहा कि आनंद और खान वरिष्ठ वकील हैं और किसी भी स्थिति में इन्हें माफ नहीं किया जा सकता है। खंडपीठ ने दोनों वकीलों के व्यवहार को गैर जिम्मेदाराना करार देते हुए कहा, "हम युवा वकीलों के मामले की सुनावई नहीं कर रहे हैं, दोनों अनुभवी वकील हैं और इन दोनों से ऐसी उम्मीद नहीं थी।"
गौरतलब है कि पिछले वर्ष समाचार चैनल एनडीटीवी ने खुफिया कैमरे से इस मामले में मुख्य अभियुक्त संजीव नंदा के वकील आनंद और अहम गवाह सुनील कुलकर्णी के बीच बातचीत को रिकार्ड किया था। खुफिया कैमरे से सरकारी वकील खान और कुलकर्णी के बीच बातचीत भी रिकार्ड की गई थी।
स्टिंग ऑपरेशन में आनंद और खान को मुख्य गवाह कुलकर्णी को आरोपी संजीव नंदा के पक्ष में गवाही बदलने के लिए कहते हुए दिखाया गया था।
गौरतलब है कि 10 जनवरी 1999 में दिल्ली के लोदी रोड पर एक बीएमडब्ल्यू कार ने सड़क के किनारे सो रहे छह लोगों को कुचल दिया था। आरोप है कि कार को संजीव नंदा चला रहा था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
*