बीजिंग ओलंपिक : बुलंदियों के बावजूद जमीन पर है कुश्ती का चैंपियन
बीजिंग, 21 अगस्त (आईएएनएस)। कुश्ती के कांस्य पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार गुरुवार को जब पत्रकारों से मिलने ओलंपिक मीडिया सेंटर पहुंचे तो हमेशा की तरह वे शालीन और विनम्र दिख रहे थे।
बीजिंग, 21 अगस्त (आईएएनएस)। कुश्ती के कांस्य पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार गुरुवार को जब पत्रकारों से मिलने ओलंपिक मीडिया सेंटर पहुंचे तो हमेशा की तरह वे शालीन और विनम्र दिख रहे थे।
न कोई मोबाइल और न प्रशंसकों का जमावड़ा। सुशील अपने अंदाज में पत्रकारों से मुखातिब हुए और तब तक नहीं गए, जब तक कि पत्रकारों ने अपना आखिरी सवाल नहीं पूछ लिया।
सबसे बड़ा और अहम सवाल जो उनके सामने आया, वह यह था कि कांस्य जीतने के बाद जिंदगी कितनी बदली है? इस सवाल के जवाब में सुशील ने कहा, "मेरे लिए कुछ नहीं बदला। हां, नींद जरूर अच्छी आई। पिछले साल ओलंपिक के लिए चुने जाने के बाद शायद मैं पहली बार अच्छी तरह सोया। इसका कारण यह था कि मुझ पर मैच का टेंशन या अभ्यास का दबाव नहीं था। मैं नियमित तौर पर उठा और बजरंग बली को याद किया। यह काम मैं रोज करता हूं। इसके बाद नाश्ते में मैंने फल और दूध लिया और अपने साथियों से मिलने निकल गया।"
घर से कोई संदेश? इसके जवाब में सुशील ने कहा, "मीडिया के माध्यम से पिता से बात हुई। उन्होंने कहा कि उम्मीद तो गोल्ड की थी, मगर अगली बार जरूर लाना।"
कांस्य पदक जीतने के बाद मिले इनाम का क्या करेंगे? सुशील ने कहा, "सरजी, वो देखेंगे, जब मिलेगा। सरकार ने काफी इनाम दिया है, लेकिन इसकी खुशी में हमें अपना असल काम नहीं भूल जाना चाहिए। एक पहलवान का काम है अभ्यास करना और जमकर खाना।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।