हनीफ के खिलाफ बिना प्रमाण लगे थे आरोप
एक सार्वजनिक जांच आयोग के समक्ष दी गयी गवाही में यह जानकारी सामने आयी है। भारतीय चिकित्सक हनीफ को गलत तरीके से आतंकवाद के झूठे आरोपों में फंसाये जाने के मामले की जांच कर रहे जान क्लार्क के नेतृत्व वाले जांच आयोग के समक्ष राष्ट्रमंडल लोक अभियोज निदेशक (सीडीपीपी) ने अपनी गवाही में यह जानकारी दी।
सीडीपीपी ने यह खुलासा किया कि उनके अधिकारियों को हनीफ के बारे में मूल जानकारी नहीं दी गयी। इसमें हनीफ का वह साक्षात्कार भी शामिल था जो जमानत की अर्जी के लिए अदालत में पेश होने से पहले भारतीय चिकित्सक ने दिया था।
इसके अनुसार गवाही के दौरान सीडीपीपी ने कहा कि ब्रिसबेन के एक अभियोजक ने आस्ट्रेलियाई संघीय पुलिस (एएफपी) को गलत सूचना दी थी कि हनीफ के खिलाफ आरोप लगाया जा सकता है।
यह
सलाह
मौखिक
दी
गयी
थी।
एएफपी
के
आग्रह
के
बाद
सीडीपीपी
ने
ऐसा
लिखित
में
भी
दिया
था।
आयोग
के
समक्ष
हुई
गवाही
के
हवाले
से
मीडिया
रिपोर्ट
में
यहां
कहा
गया
है
सीडीपीपी
ने
यह
स्वीकार
किया
कि
उनकी
सलाह
के
बाद
हनीफ
के
खिलाफ
आरोप
पत्र
दायर
किया
गया।