बीजिंग ओलंपिक : विजेंदर ने मुक्केबाजी में पक्का किया पदक (राउंडअप)
बीजिंग, 20 अगस्त (आईएएनएस)। भारत के मुक्केबाज विजेंदर कुमार ने बुधवार को बीजिंग ओलंपिक की मुक्केबाजी स्पर्धा के सेमीफाइनल में पहुंचकर भारत के लिए एक और पदक पक्का कर दिया। बुधवार को हालांकि भारत के एक अन्य मुक्केबाज जितेंदर कुमार क्वार्टर फाइनल में हार गए, लेकिन उनकी हार से अप्रभावित विजेंदर ने अपना शानदार सफर जारी रखा और ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले देश के पहले मुक्केबाज बने।
75 किलोग्राम मिडिलवेट वर्ग के क्वार्टर फाइनल में विजेंदर की शानदार जीत के साथ भारत के खाते में एक और पदक आना तय हो गया है। विजेंदर ने इक्वाडोर के मुक्केबाज कार्लोस गोंगोरा को 9-4 से पराजित कर भारतीय खेल प्रेमियों को दिन की दूसरी खुशखबरी सुनाई। पहली खुशखबरी पहलवान सुशील कुमार ने कांस्य जीतकर सुनाई थी।
विजेंदर ने अपने साथियों की हार से सीख लेते हुए मुकाबले की शुरुआत से ही अटैक (आक्रमण) और डिफेंस (रक्षा) का बेहतरीन तालमेल दिखाया। इसी का नतीजा था कि वे पहले दौर में 2-0 की बढ़त हासिल कर चुके थे। बाद के तीन दौर में भी उन्होंने सटीक रणनीति का पालन करते हुए अतिआत्मविश्वास को खुद पर हावी नहीं होने दिया और मुकाबला जीतकर इतिहास कायम कर दिया।
जीत के बाद विजेंदर ने कहा, "मैं फाइनल में जगह बनाउंगा और देश के लिए स्वर्ण जीतकर दिखाउंगा। इस मुकाबले को लेकर मैं किसी तरह का जोखिम नहीं ले सकता था, लिहाजा हमने सटीक रणनीति बनाई थी और उसी पर अपना ध्यान केंद्रित रखा। मुझे खुशी है कि हमारी रणनीति काम आई और मैं अपने देश को गौरव दिला सका। मेरी तमन्ना स्वर्ण जीतने की है। मैं इसे लेकर मेहनत कर रहा हूं।"
हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मुक्केबाजी में भारत के खाते में पदक सुनिश्चित कराने वाले विजेंदर के नाम 50 लाख रुपये का पुरस्कार और उपपुलिस अधीक्षक की कुर्सी का ऐलान कर दिया।
हुड्डा ने कहा, "हम इन होनहार खिलाड़ियों की हौसलाअफजाई के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। साथ ही हम मुक्केबाजी जैसे खेल के विकास के लिए भी सारे संसाधन मुहैया कराएंगे। मुक्केबाजों को प्रोत्साहित करने के लिए हम सबसे पहले भिवानी में एक मुक्केबाजी अकादमी स्थापित करेंगे।"
हुड्डा ने कहा कि भिवानी के तीन मुक्कबाजों ने अपने शानदार खेल की बदौलत प्रदेश का मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा, "यह अलग बात है कि अखिल और जितेंदर हार गए। हार-जीत खेल का अंग है। विजेंदर ने हम सबका मान रख लिया।"
इससे पहले, 51 किलोग्राम फ्लाईवेट वर्ग के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में जितेंदर रूस के ग्रेगरी बलाकशीन के हाथों 11-15 से हार गए। जितेंदर ने हालांकि शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन उन्हें जीत नहीं मिल सकी। अपने प्रेरणास्रोत अखिल कुमार की मौजूदगी में जितेंदर ने बेहद आक्रामक खेल दिखाया और पहले दौर में 1-2 से पिछड़ जाने के बावजूद मैच में वापसी की।
अपनी शानदार इच्छाशक्ति के दम पर दूसरे दौर में जितेंदर ने स्कोर 6-7 कर दिया था। हालांकि तीसरा दौर उनके लिए ठीक नहीं रहा और वे तीन बार के यूरोपीय चैंपियन के खिलाफ 8-13 से पिछड़ गए। अंतिम दौर में जितेंदर ने वापसी करने की भरपूर कोशिश की, लेकिन पांच अंकों की बढ़त हासिल कर चुके बलाकशीन ने उन्हें वापसी का मौका नहीं दिया और मुकाबला जीतकर सेमीफाइनल में स्थान पक्का किया।
जितेंदर की हार के बाद उनके दोस्त, प्रेरणास्रोत और गुरु अखिल ने कहा, "बलाकशीन बहुत अनुभवी मुक्केबाज हैं। जितेंदर ने उनके खिलाफ जबरदस्त खेल दिखाया। हालांकि वह हार गए, लेकिन उनकी हार एकतरफा नहीं कही जा सकती।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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