भारत ने नेपाल में बाढ़ की जिम्मेदारी से इनकार किया
सुदेशना सरकार
सुदेशना सरकार
काठमांडू, 20 अगस्त (आईएएनएस)। नेपाल में सप्तकोसी नदी बैराज में दरार के कारण आई बाढ़ से उसके दक्षिणी जिले संसुरी में 50,000 लोग प्रभावित हुए हैं। भारत में भी हजारों व्यक्ति इससे प्रभावित हुए हैं।
भारत ने बाढ़ के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराए जाने के आरोपों से इनकार करते हुए इसके लिए नेपाल को जिम्मेदार ठहराया है।
नेपाली मीडिया ने इसके लिए बिहार की नीतिश कुमार सरकार को दोषी ठहराते हुए कहा था कि उसने बैराज की मरम्मत में लापरवाही दिखाई। इसके जवाब में भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा है कि , भारतीय का एक तकनीकी दल नेपाल के संसुरी जिले में गया था, लेकिन उसे बैराज तक जाने से रोक दिया गया।
बयान में कहा गया है कि तकनीकी दल ने दूतावास के माध्यम से स्थिति की गंभीरता से स्थानीय अधिकारियों को सूचित कर दिया था। लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने इसको अनसुना कर दिया।
बाढ़ से प्रभावित लोगों को सुरक्षित बचाने के लिए नेपाली सेना ने हेलीकाप्टरों, नावों और हाथियों तक की सहायता ली।
सोमवार को प्रधानमंत्री पद का कार्यभार ग्रहण करने के बाद प्रचंड को पहली आपदा का सामना करना पड़ा है। प्रचंड ने प्रधानमंत्री राहत कोष से दो करोड़ रुपये की सहायता राशि बाढ़ पीड़ितों के लिए जारी की है।
नेपाल का जल संसाधन मंत्रालय बैराज की मरम्मत के लिए भारत से सहयोग चाहता है। इस संबंध में दोनों देशों के अधिकारियों की बुधवार को बिराटनगर में बैठक होगी।
उधर नेपाल के दौरे पर आए एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार प्रचंड के साथ जल संबंधी मामलों पर वार्ता के लिए नेपाल की यात्रा पर आना चाहते हैं।
भारत-नेपाल मैत्री फोरम के अध्यक्ष जनता दल-यूनाईटेड नेता शरद यादव ने कहा कि दोनों देशों को सप्तकोसी की हर साल आने वाली बाढ़ से स्थायी राहत के लिए वार्ता करनी चाहिए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
*