जम्मू कश्मीर में अशांति से 20 हजार छात्रों का भविष्य मंझधार में
श्रीनगर, 20 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू कश्मीर में फैली अशांति के कारण विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए आयोजित 'संयुक्त प्रवेश परीक्षा' (सीईटी) की तिथि टल जाने के कारण हजारों छात्रों का भाग्य अधर में लटक गया है।
पिछले अनेक वर्षो से यह परीक्षा अबाध चली आ रही थी और यह पहला मौका है जब इसे टाला गया है। यहां तक कि 90 के दशक में जब घाटी में आतंकवाद चरम पर था, उस समय भी ये परीक्षााएं आयोजित की गईं थीं। हर वर्ष जुलाई में चिकित्सक, इंजीनियर, पशु चिकित्सक और कृषि वैज्ञानिक बनने की इच्छा रखने वाले छात्र इन पाठ्यक्रमों से संबंधित प्रवेश परीक्षा में भाग लेते हैं।
सीईटी की परीक्षाएं आयोजित कराने वाले व्यावसायिक परीक्षा मंडल के एक अधिकारी ने बताया, "पहले घाटी की खराब स्थिति के कारण परीक्षाएं टालनी पड़ीं उसके बाद जम्मू में अशांति के चलते। राज्य भर के प्रतिभागियों के हिस्सा लेने के कारण हम इन परीक्षाओं को अलग-अलग आयोजित नहीं कर सकते।"
गौरतलब है कि जम्मू, कश्मीर घाटी और लद्दाख क्षेत्र के 20 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने इस बार आवेदन किया था। इनमें से मात्र कुछ ने ही कालेजों में दाखिला लिया है। माना जा रहा है कि इन परीक्षाओं में और देर होने पर शेष विद्यार्थियों का पूरा साल खराब हो सकता है।
एक विद्यार्थी नदीम ने कहा, "चिकित्सकीय पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए मैं रोजाना 16 घंटे पढ़ाई कर रहा हूं लेकिन परीक्षा संबंधी अनिश्चितता से मेरा यकीन डगमगा रहा है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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