माओवादी सरकार की पहली बलि मिस नेपाल!
काडमांडू, 20 अगस्त (आईएएनएस)। नेपाल की सबसे पुरानी सौंदर्य प्रतियोगिता मिस नेपाल के नई माओवादी सरकार की नीतियों का पहला शिकार बनने की आशंका है।
काडमांडू, 20 अगस्त (आईएएनएस)। नेपाल की सबसे पुरानी सौंदर्य प्रतियोगिता मिस नेपाल के नई माओवादी सरकार की नीतियों का पहला शिकार बनने की आशंका है।
माओवादी पार्टी की महिला शाखा आल नेपाल वुमेन फेडरेशन (रिवोल्युशनरी) ने मिस नेपाल के विरोध में काठमांडू बंद और प्रतियोगिता के प्रमुख प्रायोजक भारत की आयुर्वेदिक कंपनी डाबर के बहिष्कार की घोषणा की है।
इसको देखते हुए प्रतियोगिता की आयोजक हिडन ट्रेजर ने आयोजन को शनिवार तक के लिए स्थगित कर दिया है।
इस कार्यक्रम के आयोजन के बारे में संदेह इसलिए भी बढ़ गया है ,क्योंकि मिस नेपाल के विरोध में माओवादी पार्टी की महिला शाखा ने जो याचिका तैयार की है उस प्रधानमंत्री प्रचंड ने भी हस्ताक्षर किए हैं।
इस प्रस्ताव पर विभिन्न दलों के कई सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं और 39 संगठनों ने आयोजन रोकने के लिए प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया है।
विरोध के बढ़ते स्वरों के कारण आयोजन के मीडिया सहयोगी 'अन्नपूर्णा पोस्ट' ने पिछले सप्ताह आयोजन से हटने की घोषणा कर दी थी। पहले इस आयोजन का सरकारी 'नेपाल टेलीविजन' चैनल द्वारा प्रसारण किया जाता था।
प्रतियोगिता के अंतिम चरण के लिए चयनित 20 में दो प्रतियोगियों ने अपना नाम वापस ले लिया है, जबकि बाकी अन्य भी ऐसा ही करने पर विचार कर रही हैं।
काफी अधिक पैसा और समय लगा चुके आयोजकों ने कहा है कि आयोजन के विरोध में किए जा रहे प्रदर्शन लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं हैं और ये माओवादियों द्वारा थोपी जाने वाली सांस्कृतिक क्रांति की शुरूआत हो सकते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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