क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

बीजिंग ओलंपिक : शरत ने बिखेरी चमक, लेकिन अंजू ने किया निराश (राउंडअप)

By Staff
Google Oneindia News

बीजिंग, 19 अगस्त (आईएएनएस)। बीजिंग ओलंपिक के दसवें दिन मंगलवार को शरत कमल ने भारत को टेबल टेनिस में एकमात्र जीत दिलाई, जबकि लंबी कूद में अंजू बॉबी जार्ज और कुश्ती में योगेश्वर दत्त ने निराश किया। हालांकि तमाम नाकामियों के बावजूद भारतीय खेल प्रेमियों को क्वार्टर फाइनल में पहुंच चुके मुक्केबाज विजेंदर कुमार और जितेंदर कुमार से पदक की आस है।

वर्ष 2006 के राष्ट्रमंडल खेल चैंपियन शरत ने पहले दौर में स्पेन के अल्फ्रेडो कार्नरॉस को 6-11, 12-10, 11-8, 9-11, 11-6, 11-7 से पराजित किया।

दूसरे दौर में शरत का सामना दुनिया के 31वीं वरीयता प्राप्त आस्ट्रियाई खिलाड़ी चेन वेईजिंग से होगा। पहले दौर में बाई हासिल करने वाले चीन में जन्मे वेइजिंग इससे पहले कई बार शरत को हरा चुके हैं।

शरत अगर वेईजिंग को हराने में सफल रहे तो क्वार्टर फाइनल में उनका सामना दुनिया के सर्वोच्च वरीयता प्राप्त चीनी खिलाड़ी वांग हाओ से होगा।

महिलाओं की लंबी कूद स्पर्धा में अंजू ने बेहद निराश किया। उनका प्रदर्शन इतना खराब रहा कि वे तीन प्रयासों के बाद भी एक बार भी सही तरीके से नहीं कूद सकीं।

अंजू ने कहा कि टखने में दर्द के कारण वे नाकाम रहीं। अंजू के मुताबिक अभ्यास के दौरान ही उनका टखना चोटिल हो गया था। इसके बावजूद अंजू ने क्वालिफाइंग दौर में हिस्सा लेने का फैसला किया, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ।

लंबी कूद के फाइनल में स्थान बनाने के लिए 6.75 मीटर की न्यूनतम दूरी तय की गई थी। हालांकि अंजू ने हाल के दिनों में इस दूरी को एक बार भी नहीं नापा था। एथेंस ओलंपिक में वह 6.83 मीटर के साथ फाइनल में पहुंचने में सफल रहीं थीं, लेकिन उसके बाद वे अपने प्रदर्शन को एक बार भी नहीं दोहरा सकी थीं।

पुरुषों की फ्रीस्टाइल कुश्ती के 60 किलोग्राम भार वर्ग में दत्त ने हालांकि पहले दौर में कजाकिस्तान के बुरजान ओर्जगालियेव को पराजित करने में सफल रहे थे, लेकिन दूसरे दौर में वह जापान के केनिची युमोता के खिलाफ 3-1 से हार गए।

अब भारत की उम्मीदें मुक्केबाज विजेंदर और जितेंदर पर टिक गई हैं। ये दोनों मुक्केबाज बुधवार को अपना-अपना क्वार्टर फाइनल मुकाबला खेलेंगे। सोमवार को मुक्केबाजी में अखिल कुमार की हार के बावजूद खेल प्रेमी इन होनहारों से पदक की आस लगाए हुए हैं।

23 वर्षीय विजेंदर 75 किलोग्राम मिडिलवेट वर्ग में जहां इक्वाडोर के कार्लोस गोंगोरा से भिंड़ेंगे, वहीं 51 किलोग्राम फ्लाईवेट वर्ग में जितेंदर का सामना तीन बार के यूरोपीय चैंपियन रूस के ग्रेगरी बलाकशीन से होना है।

भारतीय टीम के कोच गुरबख्श सिंह संधू ने स्वीकार किया कि अखिल की हार निराशाजनक रही है, क्योंकि उनके काफी उम्मीदें थीं। उन्होंने कहा, "जितेंदर और विजेंदर अपने हीरो अखिल की हार से हताश जरूर हैं, लेकिन इसके बावजूद वे अपने-अपने मुकाबलों के लिए पूरी तरह कमर कसे हुए हैं।"

विजेंदर ने बीजिंग आने से पहले इस वर्ष मई में ताइपे में हुई एआईबीए प्रेसीडेंट कप बाक्सिंग टूर्नामेंट में एथेंस ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता कजाखिस्तान के मुक्केबाज बख्तियार अतायेव को हराया था। अतायेव को एथेंस ओलंपिक का सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज घोषित किया गया था।

क्वार्टर फाइनल में विजेंदर के प्रतिद्वंद्वी गोंगोरा पिछले साल शिकागो में आयोजित विश्व चैंपियनशिप के अंतिम-16 में स्थान बनाने के अलावा इस साल रूमानिया में एक खिताब भी जीत चुके हैं। विजेंदर ने कहा, "अतायेव पर मिली जीत ने मेरा हौसला बढ़ाया है।"

जानकार मानते हैं कि आने वाले दिनों में जितेंदर देश के सबसे अच्छे मुक्केबाज बनकर उभरेंगे, लेकिन फिलहाल वे तीन बार के यूरोपीय चैंपियन बलाकशीन के आगे थोड़े कमतर दिख रहे हैं।

अखिल की तरह जितेंदर भी आक्रामक मुक्केबाज हैं। ऐसी स्थिति में भारतीय कोच जितेंदर को कुल अलग रणनीति के साथ बलाकशीन के सामने उतारेंगे।

बलाकशीन काफी अनुभवी हैं, लेकिन जितेंदर को इसकी परवाह नहीं। उन्होंने कहा, "मैं अखिल के लिए पदक जीतना चाहता हूं।"

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

*

Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X