भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम को स्वीट्जरलैंड का समर्थन
मनीष चांद
मनीष चांद
नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। असैन्य परमाणु ऊर्जा विकसित करने के भारतीय प्रयासों का समर्थन करते हुए स्विट्जरलैंड ने कहा है कि वह भारत को उभरती आर्थिक शक्ति के रूप में देखता है।
विएना में बुधवार को होने वाली परमाणु आपूर्ति समूह (एनएसजी) के सदस्य देशों की बैठक से एक दिन पहले मंगलवार को स्विट्जरलैंड के दूत डोमिनिक ड्रेयर ने एक भेंटवार्ता में कहा, "स्विट्जरलैंड नागरिक परमाणु ऊर्जा विकसित करने के मसले पर भारत का समर्थन करता है।"
एनएसजी की यह बैठक नागरिक परमाणु ऊर्जा के इस्तेमाल से संबंधित निगराणी समझौते के भारतीय मसौदे पर विचार करने के लिए बुलाई गई है।
स्विस दूत ने कहा "स्विट्जरलैंड अपनी ऊर्जा जरूरतों का 30 प्रतिशत हिस्सा परमाणु ऊर्जा से पूरा करता है। हमें परमाणु ऊर्जा का खासा अनुभव है।"
उन्होंने कहा कि पर्यावरण की समस्या से निपटने के लिए जरूरी है कि परमाणु ऊर्जा पर निर्भरता बढ़ाई जाए। यह एक वास्तविकता है, जिसे यूरोप ने भी स्वीकार कर लिया है।
ड्रेयर ने कहा कि स्विट्जरलैंड ने एनएसजी में फिलहाल अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है, लेकिन इस बारे में कोई निर्णय जल्दी ही ले लिया जाएगा। उन्होंने हालांकि ध्यान दिलाया कि उनके देश में भी ऐसी लॉबी है, जो परमाणु ऊर्जा का कड़ा विरोध करती रही है।
भारत के परमाणु अप्रसार संबंधी बेहतर रिकार्ड को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा, "एनएसजी के कुछ देशों को परमाणु अप्रसार के मामले में भारतीय पक्ष के प्रति कोई आशंका नहीं है। उन्हें आशंका केवल इस बात पर है कि इस सौदे के तहत भारत को मिलनेवाली छूट से परमाणु अप्रसार संधि कहीं कमजोर न पड़ जाए।"
गौरतलब है कि स्विट्जरलैंड एनएसजी में शामिल आस्ट्रेलिया, इजरायल और न्यूजीलैंड जैसे चंद देशों के खेमें में है, जो परमाणु अप्रसार संधि के प्रति कड़ा रुख रखते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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