कीमत निर्धारण नीति में परिवर्तन नहीं चाहतीं तेल कंपनियां
नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें ट्रेड पैरिटी मॉडल के बजाए एक्सपोर्ट पैरिटी माडल के आधार पर निर्धारित करने के खिलाफ हैं।
नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें ट्रेड पैरिटी मॉडल के बजाए एक्सपोर्ट पैरिटी माडल के आधार पर निर्धारित करने के खिलाफ हैं।
ये कंपनियां हर महीने पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में संशोधन और अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफॉल टैक्स) का भी समर्थन नहीं करतीं।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री मुरली देवड़ा ने नई दिल्ली में मंगलवार को यह जानकारी दी। देवड़ा तेल कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के एक सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे थे।
इस सम्मेलन के बाद पेट्रोलियम सचिव आर. एस.पांडे ने संवाददाताओं को बताया कि तेल कंपनियों ने कहा है कि ट्रेड पैरिटी माडल के बजाय एक्सपोर्ट पैरिटी माडल के आधार पर कीमतें तय करना उनके लिए मुश्किल होगा।
ट्रेड पैरिटी माडल पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें तय करने का मिश्रित तरीका है। यह इंपोर्ट पैरिटी माडल और एक्सपोर्ट पैरिटी माडल का मिलाजुला रूप है। इसके तहत आयात की स्थिति में तेल की कीमतों को वैश्विक स्तर पर लाया जाता है। इसमें परिवहण खर्च, शुल्क व अन्य लागत उभोक्ताओं से वसूले जाते हैं।
एक्सपोर्ट पैरिटी माडल के तहत निर्यात की स्थिति में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें को वैश्विक स्तर पर लाया जाता है, लेकिन इसमें से परिवहन खर्च, तमाम शुल्क और आपूर्तिकर्ता कंपनी की अन्य लागत घटा दी जाती है।
इंडियन ऑयल कारपोरेशन के अध्यक्ष सार्थक बहुरिया ने कहा कि एक्सपोर्ट पैरिटी माडल में कई खामियां हैं। इसके अलावा इससे सार्वजनिक क्षेत्र की रिफायनरियों को नुकसान उठाना पड़ेगा।
ओएनजीसी के अध्यक्ष आर. एस. शर्मा ने तेल कंपनियों को होने वाले नुकसान की भरपाई की एक स्वतंत्र और पारदर्शी प्रणाली का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "वर्तमान प्रणाली बहुत पेचीदा है। इससे कर आकलन के वक्त मुश्किलें पेश आती हैं।"
गौरतलब है कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों की माली हालत का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बी. के. चतुर्वेदी की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति बनाई थी। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों का निर्धारण एक्सपोर्ट पैरिटी माडल के आधार पर करने और कीमतों में हर महीने संशोधन करने की सिफारिश की थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।