घाटी में जनजीवन सामान्य हुआ
घाटी में सोमवार को हजारों लोगों ने अलगावादी नारों के साथ सड़क पर प्रदर्शन किया, जिसमें स्थितियां फिर से तनावपूर्ण बताई जा रही थीं, लेकिन उसके ठीक एक दिन बाद बच्चों और किशोरों को स्कूल-कालेज जाते देखा गया। शैक्षणिक संस्थान पिछले 20 दिनों से गर्मियों की छुट्टियों की वजह से बंद थीं। उन्हीं दिनों बंद और हिंसक घटनाएं भी हुईं। मंगलवार को घाटी में बाजार, सरकारी कार्यालय, बैंक और व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले, तो सड़कों पर फिर से पुरानी रौनक दिखी।
इतने दिन बंद के बाद खुले पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी कतारें देखाई पड़ीं। यही नहीं कई पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल अथवा डीजल उपलब्ध ही नहीं था, क्योंकि पिछले आठ दिनों से बंद के कारण पेट्रोल टैंकर नहीं आ सके।
उधर जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राज्यमार्ग के माध्यम से राज्य में जरूरी चीजों की आपूर्ति बहाल कर दी गई है। स्थिति में सुधारको देखते हुए सोमवार को पेट्रोलियम पदार्थो समेत विभिन्न जरूरी सामानों से भरे 372 ट्रक श्रीनगर रवाना किए गए।
इन ट्रकों में से 19 में भेंड़ें, 146 में चावल और 46 में मुर्गियां जबकि 72 टैंकरों में डीजल, 24 में केरोसिन ऑयल, 41 में पेट्रोल और 24 में घरेलू गैस लदी थी। कश्मीर से जो ट्रक बाहर निकले, उनमें से 446 में ताजे फल, 32 में सब्जियां लदी थीं।
सामान्य स्थितियों के बावजूद जगह-जगह सुरक्षाबल तैनात रहे। मुख्य बाजारों में सेना और पुलिस के जवान चौकस रहे, जबकि अन्य इलाकों में गश्त चलता रहा।