भिवानी का नाम रोशन कर रहे हैं मुक्के बाज
भिवानी (हरियाणा), 18 अगस्त (आईएएनएस)। हरियाणा के भिवानी कस्बे के तीन मुक्के बाजों ने ओलंपिक में कोई पदक जीते बिना ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित कर ली है।
भिवानी (हरियाणा), 18 अगस्त (आईएएनएस)। हरियाणा के भिवानी कस्बे के तीन मुक्के बाजों ने ओलंपिक में कोई पदक जीते बिना ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित कर ली है।
वे न तो भारत के पहले गोल्डन ब्वॉय अभिनव बिंद्रा की तरह करोड़पति हैं और ना ही उन्होंने अब तक कोई ओलंपिक पदक जीता है, लेकिन हरियाणा के इन तीनों लालों ने ओलंपिक में प्रतिद्वंद्वियों को जिस तरह परास्त किया है, उसने इन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता दिला दी है।
सोमवार और मंगलवार को भिवानी समेत सारे देश की निगाहें इन तीन कुमारों -अखिल कुमार, जितेंद्र कुमार और विजेंद्र कुमार पर रहेंगी, जब ये अपने-अपने मुकाबलों में जीत हासिल कर ओलंपिक पदक के एक कदम और नजदीक पहुंचने की कोशिश करेंगे।
अखिल ने 54 किलोग्राम वर्ग के प्री क्वोर्टर फाइनल मुकाबले में विश्व चैंपियन रूसी खिलाड़ी सर्गेई वोदोप्यानोव को हराया था। उनकी जीत के बाद भारत को ओलंपिक का इकलौता व्यक्तिगत स्वर्ण दिलाने वाल निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने कहा था, "मैं लगातार मुक्के बाजी के मुकाबले देख रहा हूं। मुझे पूरा यकीन है कि वे देश का नाम रोशन करेंगे।"
हरियाणा सरकार ने भी इन तीनों मुक्के बाजों को अंतिम आठ में पहुंचने पर ही 25-25 लाख रुपये का नकद इनाम घोषित कर दिया है, इसके अलावा अगर वे स्वर्ण पदक जीतते हैं, तो उन्हें दो- दो करोड़ रुपये पुरस्कारस्वरूप दिए जाएंगे।
इन तीनों मुक्के बाजों की वर्तमान सफलता के पीछे उनके भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के कोच जगदीश सिंह और भिवानी बॉक्सिंग क्लब का योगदान है।
कोच जगदीश को अपने शिष्यों के साथ बीजिंग जाने का मौका नहीं मिला है। उन्होंने कहा, "अधिकारी कम से कम छह प्रशिक्षकों को बीजिंग ले गए हैं, लेकिन मुझसे किसी ने पूछा तक नहीं। पहले भी मेरे प्रशिक्षण के तरीके की आलोचना होती रही है, हालांकि मैं हर मैच के पहले और बाद में उन लड़कों से बात करता हूं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।