बीजिंग ओलंपिक : निशानेबाजी में भारतीय चुनौती समाप्त (राउंडअप इंट्रो-1)
बीजिंग, 18 अगस्त (आईएएनएस)। रविवार को भारत के निशानेबाज गगन नारंग ने अभिनव बिंद्रा की स्वर्णिम सफलता तथा मुक्केबाजों के क्वार्टर फाइनल तक के सफर से प्रेरित होकर बीजिंग ओलंपिक में अपने करियर का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, लेकिन इसके बावजूद वे 50 मीटर थ्री पोजीशन राइफल स्पर्धा के फाइनल में नहीं पहुंच सके। उधर 10 हजार मीटर दौड़ में रविवार को सुरेंद्र सिंह ने भी निराश किया। सुरेंद्र फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर सके और 38 धावकों को बीच 26वें स्थान पर रहे।
गगन 49 निशानेबाजों के बीच 13वें स्थान पर रहे। यही हाल भारत के दूसरे निशानेबाज संजीव राजपूत का रहा। वे इस स्पर्धा में 26वें स्थान पर रहे। निशानेबाजी में तो भारत की चुनौती पूरी तरह समाप्त हो चुकी है, लेकिन मुक्केबाजी और टेबल टेनिस में चुनौती बरकरार है। बैडमिंटन में नेहा अग्रवाल और अंचत शरत कमल सोमवार को अपने पहले दौर के मैच खेलेंगे, वहीं सोमवार को ही मुक्केबाजी का क्वार्टर फाइनल मुकाबला होना है।
रविवार को भारत एक स्पर्धा में उतरा लेकिन इसे निराशा हाथ लगी। गगन हालांकि एक समय फाइनल में पहुंचते दिख रहे थे, लेकिन प्रोन और स्टैंडिंग वर्ग में खराब प्रदर्शन ने उनके हाथ से यह मौका छीन लिया।
गगन ने कहा, "मैंने नीलिंग वर्ग में कभी 100 अंक हासिल नहीं किए थे। मेरे कोच ने कहा कि वे 100 अंक चाहते हैं। मैंने उनके लिए यह कर दिखाया, लेकिन प्रोन और स्टैंडिंग वर्ग में खराब प्रदर्शन के कारण मुझे निराशा मिली।"
गगन ने माना कि ओलंपिक जैसी बड़ी प्रतियोगिता में सब कुछ भाग्य के सहारे नहीं छोड़ा जा सकता। उन्होंने कहा, "मैंने यहां यही सीखा कि ओलंपिक में भाग्य के सहारे जीत नहीं मिल सकती। यह सच है कि मैं यहां पदक जीतना चाहता था, लेकिन हार का यह मतलब नहीं कि मेरे लिए सारे रास्ते बंद हो चुके हैं।"
सोमवार को भारत के टेबल टेनिस खिलाड़ी अपने अभियान की शुरुआत करेंगे। निशानेबाजी में अभिनव बिंद्रा की सफलता के बाद टेबल टेनिस खिलाड़ी भी सनसनी फैलाने की कोशिश करेंगे।
पहले दौर में भारत की महिला खिलाड़ी नेहा अग्रवाल आस्ट्रेलिया की ले जिएम फांग से भिड़ेंगी, जबकि पुरुष वर्ग में अंचत शरत कमल का मुकाबला मंगलवार को होगा। उनका सामना स्पेन के अलफ्रेडो कार्नेरोस और मिस्र के अदील मासाद के बीच सोमवार को होने वाले मुकाबले के विजेता से होगा।
नेहा चूंकि अपने पहले ओलंपिक में शिरकत कर रही हैं, लिहाजा उनसे किसी चमत्कार की आशा बेमानी होगी। दूसरी ओर, अनुभवी शरत कम से कम क्वार्टर फाइनल में स्थान बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
एथेंस ओलंपिक में शरत दूसरे दौर में हार गए थे, लेकिन तब से लेकर आज तक उनके खेल में काफी सुधार आया है।
शरत ने अपने फार्म को लेकर कहा, "मैं अच्छे फार्म में हूं। मैं कम से कम अंतिम 16 में स्थान बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहा हूं। हालांकि इसके लिए मुझे कुछ चौंकाने वाले परिणाम देने होंगे। मैं इसके लिए तैयार हूं। एथेंस से लेकर आज तक मेरे खेल में काफी सुधार आया है। मैंने कई तकनीकी सुधार किए हैं और मेरी वरीयता भी अच्छी हुई है। इसके अलावा एथेंस में खेलने का अनुभव मेरे काफी काम आएगा।"
भारत के सुरेंद्र सिंह ने रविवार को 10 हजार मीटर दौड़ में निराश किया। सुरेंद्र फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर सके और 38 धावकों को बीच 26वें स्थान पर रहे।
सुरेंद्र ने दौड़ पूरी करने के लिए 28 मिनट 13.17 सेकेंड समय लिया, लेकिन वे फाइनल में क्वालिफाई नहीं कर सके। सुरेंद्र ने ओलंपिक में क्वालिफाई करने के लिए हालांकि पिछले महीने स्पेन के शहर विगो में इससे बेहतर 11.08 सेकेंड का समय निकाला था।
इथोपिया के धावक केनेनिसा बेकेले ने इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता। तीन बार के विश्व चैंपियन बेकेले ने रविवार को 27 मिनट 1.17 सेकेंड में दौड़ पूरी की और एथेंस ओलंपिक का अपना खिताब बरकरार रखा।
बेकेले के हमवतन शिलेशी शिनी ने स्पर्धा का रजत जीता, जबकि केन्या के मिकाह कोगो ने कांस्य पदक पर कब्जा किया। शिनी ने जहां दौड़ पूरी करने के लिए 27 मिनट 2.77 सेकेंड का समय लिया वहीं कोगो ने 27 मिनट 4.11 सेकेंड समय के साथ पदक हासिल किया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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