झारखंड में राजनीतिक सरगर्मी हुई तेज (लीड-3)
रांची, 17 अगस्त (आईएएनएस)। झारखंड में मधु कोड़ा सरकार से झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) द्वारा रविवार को समर्थन वापस लेने के बाद राज्य में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन की नजर अब मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है। पार्टी कहना है कि सरकार बनाने के लिए उसके सामने सभी विकल्प खुले हैं।
रविवार को झामुमो के सभी 17 विधायकों ने राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी से मुलाकात कर उन्हें कोड़ा सरकार से समर्थन वापसी का पत्र सौंप दिया।
झामुमो ने राज्यपाल से कहा कि अब वे राज्य में वैकल्पिक सरकार बनाने के लिए कवायद तेज करें, साथ ही स्पष्ट किया कि यदि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) झामुमो को समर्थन नहीं देगा तो सरकार बनाने के लिए उसने सभी विकल्प खोल रखे हैं।
सोरेन ने संवाददाताओं से कहा, "कोड़ा सरकार जनता के हित में काम नहीं कर रही थी। हम सरकार को गत दो वर्षो से समर्थन दे रहे थे, लेकिन वह जनता की आकंक्षाओं पर खरी नहीं उतरी।"
इससे पूर्व झामुमो की केंद्रीय समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक यहां हुई, जिसके बाद विधायकों ने राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी से मुलाकात की।
झामुमो के वरिष्ठ नेता और उप मुख्यमंत्री सुधीर महतो ने कहा कि विधायकों के साथ हुई बैठक में कोड़ा सरकार से समर्थन वापसी का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अंतिम निर्णय पार्टी की केंद्रीय समिति ने ली।
झामुमो के समर्थन वापस लिए जाने के बाद 82 सदस्यीय विधानसभा में कोड़ा सरकार को 24 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इनमें से 9 निर्दलीय विधायक हैं।
मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के 5 निलंबित विधायकों समेत 35 विधायक हैं।
कोड़ा निर्दलीय विधायक हैं। उन्होंने कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और अन्य छोटे दलों के साथ ही निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार का गठन किया था।
झामुमो ने वर्ष 2006 में कोड़ा सरकार को समर्थन दिया था।
इस बीच झामुमो ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) निर्दलीय विधायकों को सोरेन के पक्ष में करने में असफल रहे हैं। इस तरह वे अपनी बात से पीछे हट रहे हैं।
झामुमो विधायक और कृषि मंत्री नलिन सोरेन ने कहा, "कांग्रेस अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हट गई है। कांग्रेस और राजद को चाहिए कि वे निर्दलीय विधायकों को सोरेन का समर्थन करने के लिए राजी करें। उन्होंने ऐसा करने के लिए कहा था।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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