अलगाववादियों के प्रस्तावित जुलूस से प्रशासन चिंतित
श्रीनगर, 17 अगस्त (आईएएनएस)। कश्मीर में बेकाबू हो रहे हालात से चिंतित प्रशासन अलगाववादियों के सोमवार को 'संयुक्त राष्ट्र सैन्य प्रेक्षक समूह (यूएनएमओजी) के मुख्यालय तक प्रस्तावित जुलूस को लेकर विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहा है।
मीडिया से बात करने की इजाजत नहीं होने के कारण अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने बताया कि घाटी में हालात 'नियंत्रण से बाहर' होते जा रहे हैं। ये प्रदर्शन तो 1990 की दशक की शुरूआत में होने वाले प्रदर्शनों की तरह हैं, जब घाटी में पहली बार आतंकवाद सिर उठा रहा था।
उन्होंेने कहा कि यदि इस जुलूस की अनुमति दी गई, तो फिर इसकी ऐसी प्रतिक्रिया शुरू होगी, जिसकी कोई इंतहा नहीं होगी।
अलगाववादी संगठन हुर्रियत के दोनों धड़ों के वरिष्ठ नेताओं सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारुक ने कश्मीरियों से सोमवार को श्रीनगर के ऊपरी इलाके सोनावार में स्थित यूएनएमओजी मुख्यालय तक जुलूस निकालने को कहा है।
हुर्रियत के दिवंगत नेता शेख अब्दुल अजीज के लिए एक शोक सभा में मीरवाइज ने कहा, "कोई भी महिला, पुरूष और बच्चे घरों में नहीं रहना चाहिए। हम सभी यूएनएमओजी मुख्यालय तक जुलूस में शामिल होंगे।"
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि श्रीनगर शहर की जनसंख्या 12 लाख है और पुराने शहर में मीरवाइज का व्यापक जनाधार है। उनके कहने पर निश्चित ही भारी भीड़ बाहर आएगी।
शहर के लोगों को जुलूस में शामिल होने के लिए प्रेरित करने के साथ ही हुर्रियत को अन्य गांवों और कस्बों के लोगों के भी जुलूस में शामिल होने की संभावना है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि प्रस्तावित प्रदर्शन से निपटने के उपायों पर विचार करने के लिए सुरक्षा मामलों पर एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की जा रही है।
उन्होंने बताया कि उस इलाके में कई महत्वपूर्ण कार्यालय हैं और यदि रैली की अनुमति दी गई, तो भीड़ उनको नुकसान पहुंचा सकती है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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