भारत-जर्मनी के बीच सहभागिता बढ़े : सिंह
जयपुर, 17 अगस्त (आईएएनएस)। राज्यपाल एस.के. सिंह ने कहा है कि जर्मनी और भारत जैसे देशों में राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक सहभागिता तब ही बढ़ सकती है जबकि इन दोनों देशों के विशेष राज्यों के मध्य भी सहभागिता बढ़े।
राज्यपाल सिंह शनिवार को सायं यहां रामबाग कन्वेन्शन सेंटर में 'इंडो-जर्मन संबंध' विषयक सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। इस सेमिनार का आयोजन भारत में इंडो-जर्मन सोसायटीज फैडरेशन, कोन्राड़, एडन्यूर स्टिफटंग और राजस्थान चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
राज्यपाल ने कहा कि इस सेमिनार के लिए राजस्थान का चयन किए जाने से इस पर्यटन स्थल के प्रति आकर्षण बढ़ने के साथ-साथ राजस्थान और जर्मन स्टेट्स के मध्य आपसी सहभागिता के अवसर बढ़ेंगे। राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि जर्मन के वाडन वुटनवर्ग और भारत के राजस्थान के मध्य आपसी सहभागिता बढ़ेगी।
राज्यपाल ने भारतीय दर्शन, साहित्य और व्यावसायिक शिक्षा को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इन क्षेत्रों में भी इंडो-जर्मन को निजी व जन सहभागिता से आपसी भागीदारी बढ़ानी चाहिये।
जर्मन राजदूत बरेन्ड मुरजलबुर्ग ने भारत और जर्मन को हथियार बनाने और उद्योगों में आगे बढ़ने पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए दोनों देशों को प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में पचास फीसदी लोग युवा हैं। भारत में वृद्धावस्था वाली समस्या पैदा नहीं होगी। जर्मन राजदूत ने कहा कि विश्व में भारत की जनता ही अधिक संख्या में कार्यशील रहेगी।
प्रारंभ में भारत में इण्डो-जर्मन सोसायटीज फेडरेशन के अध्यक्ष सतीन्दर कुमार लाम्बा ने स्वागत भाषण में सेमिनार के विषयों की जानकारी दी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।