प्रचंड बने नेपाल के नए प्रधानमंत्री
नेपाल के कानून निर्माताओं ने आज राजशाही के खिलाफ अर्से तक चले विद्रोह की अगुवाई करने वाले माओवादी नेता पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड को देश का प्रधानमंत्री चुनकर लोकतंत्र की एक नई सुबह का आगाज कर दिया।
कई हफ्तों तक चली राजनीतिक उठापटक के बाद विशेष संविधान सभा के मतदान में प्रचंड को 577 में से 464 सदस्यों का समर्थन मिला जबकि उनके प्रतिद्वंदी पूर्व प्रधानमंत्री तथा नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार शेर बहादुर सिंह देउबा को महज 113 मतों से ही संतोष करना पड़ा।
प्रचंड को माओवादी यूएमएल और एमजेएफ तथा कई अन्य कम्युनिस्ट पार्टियों ने समर्थन दिया। माओवादियों की यह जीत पिछले महीने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान नेपाली कांग्रेस के सहयोग से गठित गठबंधन से यूएमएल और एमजेएफ के अलग हो जाने की वजह से संभव हो सकी है।
पूर्ण लोकतांत्रिक नेपाल का पहला प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद प्रचंड ने कहा "मैं इस समय बहुत रोमांचित महसूस कर रहा हूं"। अपने नेता के प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद संविधान सभा भवन के बाहर खड़े प्रचंड के समर्थकों ने अपने झंडे ऊंचे करके जोरदार जश्न मनाया।