बिहार में कई बहनें नहीं मना सकीं रक्षाबंधन
पटना, 16 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार की राजधानी पटना में दो बहनों अकांक्षा और अंकिता पांडे ने लगातर दूसरे वर्ष रक्षाबंधन नहीं मनाया क्योंकि इनके भाई आकाश का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है, जिसका दो साल पहले अपहरण हो गया था।
पटना, 16 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार की राजधानी पटना में दो बहनों अकांक्षा और अंकिता पांडे ने लगातर दूसरे वर्ष रक्षाबंधन नहीं मनाया क्योंकि इनके भाई आकाश का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है, जिसका दो साल पहले अपहरण हो गया था।
उल्लेखनीय है कि 12 वर्षीय आकाश का 10 अगस्त 2007 को स्कूल जाते समय अपहरण कर लिया गया था।
दोनों का कहना है, "आकाश का रक्षाबंधन से 17 दिन पहले ही अपहरण हुआ था और हमलोग तब तक रक्षाबंधन नहीं मनाएंगे, जब तक आकाश घर वापस नहीं आ जाता।"
कुछ यही स्थिति सारण जिले के सोनपुर के सतीश के घर की भी है जिसका 10 महीने पहले अपहरण हो गया था। सतीश की मां सविता ने कहा कि उनकी बेटियों ने भी रक्षाबंधन नहीं मनाया।
इसी तरह अंकित के घर पर भी यह पावन पर्व नहीं मनाया गया, जिसका पिछले साल 12 अप्रैल को अपहरण कर लिया गया था और बाद में खबर आई आई कि उसकी हत्या कर दी गई है। उसके घर वाले यह मानने को तैयार नहीं हैं कि अंकित की हत्या कर दी गई है।
राज्य के मुजफ्फरपुर, भागलपुर, पटना, बेगूसराय, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, छपरा और कई अन्य जिलों में कई परिवारों ने राखी का त्यौहार नहीं मनाया।
सरकारी आंकडों के मुताबिक वर्ष 2003 से 2007 के दौरान बिहार में 2,068 बच्चों का अपहरण हुआ। इनमें से 1,690 बच्चे तो वापस आ गए, लेकिन 304 अभी भी लापता हैं।
साल 2005 के चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वादा किया था कि उनके सत्ता में आने के तीन महीने के भीतर ही राज्य से अपराध मिट जाएगा। उन्होंने राज्य को अपहरण उद्योग से भी मुक्त कराने की बात कही थी।
आकाश की मां अंजू पांडे नीतीश से पांच बार मिल चुकी हैं और बेटे को खोजने की गुहार लगा चुकी हैं।
इसी तरह सतीश की मां सविता भी नीतीश से सार्वजनिक तौर पर छह बार मिल चुकी हैं।
इसी वर्ष मई में अपहरणकर्ताओं ने आकाश के परिजनों को एक पत्र लिखकर बताया था कि उनका बेटा अभी जिंदा है। साथ में उन्होंने दस लाख रुपए की मांग भी की थी।
राज्य सरकार ने इस पत्र के मिलने के बाद सीबीआई जांच की सिफारिश की थी, लेकिन यह अब तक शुरू नहीं हो सकी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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