बीजिंग ओलंपिक : फेल्प्स के हाथ के खिसक सकता था सातवां स्वर्ण
बीजिंग, 16 अगस्त (आईएएनएस)। अमेरिका के महान तैराक माइकल फेल्प्स के हाथ से बीजिंग ओलंपिक का सातवां स्वर्ण खिसक सकता था। 100 मीटर बटरफ्लाई स्पर्धा, जिसमें फेल्प्स ने शनिवार को अपना सातवां स्वर्ण जीता, के बाद अगर विश्व तैराकी महासंघ (फिना) ने सर्बिया का विरोध स्वीकार कर लिया होता तो फेल्प्स ओलंपिक के किसी एक संस्करण में सात स्वर्ण जीतने के अपने देश के तैराक मार्क स्पिट्ज के विश्व रिकार्ड की बराबरी नहीं कर पाते।
दरअसल, फेल्प्स ने 0.01 सेकेंड के अंतर से स्वर्ण जीता, जबकि सर्बिया के तैराक मिलोलार्ड सेविक दूसरे स्थान पर रहे। फेल्प्स ने 50.58 सेकेंड में रेस पूरी की, जबकि सेविक ने 50.59 सेकेंड समय लिया। सर्बिया की तैराकी टीम के अधिकारियों को लगा था कि सेविक ने सबसे पहले रेस पूरी की है। सर्बियाई टीम ने समय दर्ज करने वाली प्रणाली पर सवाल खड़े किए, लेकिन रेस रेफरी बेन इकुम्बो ने सर्बियाई दल की इस दलील को नकार दिया।
फिना ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से स्वीकार किया है कि अगर सर्बियाई विरोध स्वीकार कर लिया जाता तो फेल्प्स को स्वर्ण पदक से हाथ धोना पड़ सकता था। फेल्प्स ने भी माना कि वे सर्बियाई दल के विरोध से परेशान हो गए थे।
दूसरी ओर, सेविक ने इस संबंध में पत्रकारों से बात करने से इनकार कर दिया। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि वे रजत पदक से खुश हैं और उनका समय दर्ज करने वाली प्रणाली को लेकर विरोध दर्ज कराने का कोई इरादा नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर यह रेस दोबारा कराई जाएगी तो जीत उन्हीं की होगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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