फहीम ने साधा सरकार पर निशाना
फहीम ने संवाददाताओं को बताया कि जनता गरीबी, मंहगाई और बेरोजगारी से जूझ रही है लेकिन सत्तारूढ़ नेता आम लोगों की समस्यायें सुलझाने के बजाय अपना-अपना राग अलापने में लगे हैं।
उन्होंने कहा कि मैंने पीपीपी को खड़ा किया और पार्टी के कठिन समय में सभी मुद्दों को बराबर तरजीह दी, लेकिन अब पार्टी के नेता जनता के मुद्दों से बिल्कुल दूर हो गये हैं।
मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) द्वारा महाभियोग के दौरान मुशर्रफ का समर्थन किये जाने के सवाल पर फहीम ने कहा कि एमक्यूएम स्वतंत्र राजनीतिक दल है और इस मामले में कोई भी फैसला करने के लिये स्वतंत्र है।
उन्होंने कहा कि मुशर्रफ के खिलाफ महाभियोग चलाना संवैधानिक है लेकिन राष्ट्रपति से नेशनल असेंबलियों में विश्वास मत हासिल करने की मांग करना पूरी तरह से असंवैधानिक है।
इस बीच स्थानीय मीडिया में प्रकाशित रिपोर्टों के मुताबिक राष्ट्रपति खेमे के लोग नेशनल असेंबली में महाभियोग पर मतदान के दौरान फहीम और कुछ अन्य असंतुष्ट सांसदों को गुपचुप तरीके से अपनी ओर मिलाने की कोशिश कर रहे हैं।
फहीम
को
प्रधानमंत्री
न
बनाये
जान
के
कारण
पीपीपी
के
सहअध्यक्ष
आसिफ
अली
जरदारी
से
नाराजगी
को
देखते
हुये
मुशर्रफ
खेमे
ने
उनसे
संपर्क
साधा
है।