भारत में बेटों की चाहत पर डाक्यूमेंट्री फिल्म का प्रसारण बीबीसी पर
संयुक्त राष्ट्र, 14 अगस्त (आईएएनएस)। भारत में सात लाख लड़कियों के लापता होने के कारण लोगों में लड़कों के प्रति चाहत को लेकर संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) द्वारा निर्मित डाक्यूमेंट्री फिल्म का प्रसारण इस सप्ताह बीबीसी चैनल पर किया जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र न्यूज सेंटर के मुताबिक, "कोई देश लड़कियों के लिए नहीं है।" इसी कारण गैरकानूनी लिंग परीक्षण को बढ़ावा मिल रहा है और आने वाले वर्षो में इसके गंभीर परिणाम एशियाई देशों में देखने को मिलेंगे।
इस फिल्म में एक युवा भारतीय महिला को दिखाया गया है, जिसके सामने लड़की नहीं चाहने वाले अपने पति के साथ रहने या फिर अकेले जिंदगी जीने का रास्ता है।
पिछले साल यूएनएफपीए द्वारा कराए गए कई अध्ययनों में सुझाया गया था कि भारत, चीन और वियतनाम सहित कई एशियाई देशों में बेटी की जगह बेटे के प्रति बढ़ती चाहत का आने वाले वर्षो में खतरनाक प्रभाव देखने को मिलेगा। संस्था इस समस्या के समाधान के लिए वर्षो से अभियान चला रही है।
यह डाक्यूमेंट्री नौ भागों वाली सीरीज 'लाइफ ऑन द एज' का हिस्सा है। इसमें सहस्राब्दि विकास लक्ष्य को पाने के लिए संघर्ष कर रहे देशों के लोगों के सामने मौजूद चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित किया गया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।