क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

नेपाल में प्रधानमंत्री पद के लिए मुकाबले की तैयारी जोरों पर

By Staff
Google Oneindia News

काठमांडू, 13 अगस्त (आईएएनएस)। करीब 10 साल तक देश से राजशाही हटाने के लिए सुरक्षा बलों के खिलाफ संघर्ष करने के बाद अब माओवादियों को नेपाली गणतंत्र के प्रथम प्रधानमंत्री पद पर कब्जा करने के लिए प्रधानमंत्री गिरिजा प्रसाद कोइराला से शुक्रवार को मुकाबला करना है।

काठमांडू, 13 अगस्त (आईएएनएस)। करीब 10 साल तक देश से राजशाही हटाने के लिए सुरक्षा बलों के खिलाफ संघर्ष करने के बाद अब माओवादियों को नेपाली गणतंत्र के प्रथम प्रधानमंत्री पद पर कब्जा करने के लिए प्रधानमंत्री गिरिजा प्रसाद कोइराला से शुक्रवार को मुकाबला करना है।

अप्रैल में माओवादियों के हाथों संविधान सभा के चुनाव में पराजय झेलने के बावजूद नेपाली कांग्रेस उन्हें कड़ी चुनौती दे सकती है।

यद्यपि नेपाली कांग्रेस ने अभी तक अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है लेकिन पार्टी के शीर्ष नेताओं ने बुधवार को एक बैठक करके प्रधानमंत्री पद का चुनाव लड़ने का निश्चय किया है।

नेपाली कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि यदि उनकी पराजय हुई तो वे माओवादी नेतृत्व वाली सरकार में शामिल नहीं होंगे और विपक्ष में बैठेंगे।

संभावना है कि प्रधानमंत्री पद के चुनाव में भी जुलाई में हुए राष्ट्रपति के चुनाव परिणाम का दोहराव हो सकता हैं। 83 वर्षीय कोइराला ने देश का पहला राष्ट्रपति बनने की आकांक्षा प्रकट की थी। लेकिन माओवादी पार्टी द्वारा उनका समर्थन करने से इनकार करने के बाद उन्होंेने अंतिम समय में अप्रत्याशित रूप से एक प्रत्याशी को मैदान में उतारकर जीत हासिल कर ली।

इस बार भी कोइराला प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं। लेकिन अन्य पार्टियों द्वारा उनके नाम पर सहमति प्रकट नहीं करने पर पार्टी किसी अन्य नेता पर भी दाव लगा सकती है।

ऐसी स्थिति में पूर्व उपप्रधानमंत्री और शांति तथा पुनर्निर्माण मंत्री रामचंद्र पौडेल या अन्य किसी नेता को मैदान में उतरने के लिए कहा जा सकता है।

राष्ट्रपति पद का चुनाव हार चुके माओवादी इस बार हार को टालने के लिए जी तोड़ प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए प्रचंड ने बुधवार को तीसरे सबसे बड़े दल नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी एकीकृत मार्क्‍सवादी-लेनिनवादी (यूएमएल) नेता झलनाथ खनल से भेंट करके उनका समर्थन मांगा।

संविधान सभा के चुनावों में बुरी तरह पराजित यूएमएल दोनों पार्टियों के बीच शांति दूत की भूमिका निभाने का प्रयास कर रही है।

नेपाली कांग्रेस और माओवादियों के बीच विवाद की जड़ रक्षा मंत्रालय है। माओवादी चाहते हैं आम सहमति की सरकार में परंपरा के अनुसार रक्षा मंत्रालय उनके पास ही रहना चाहिए। लेकिन नेपाली कांग्रेस का कहना है कि माओवादियों द्वारा सर्वसत्तावादी रूख अपनाने की स्थिति से बचने के लिए रक्षा मंत्रालय उनके पास रहना आवश्यक है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

**

Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X