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अमरनाथ विवाद : विहिप का चक्का जाम असरदार, दिल के मरीज की मौत (लीड-2)

By Staff
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नई दिल्ली, 13 अगस्त (आईएएनएस)। श्रीअमरनाथ श्राइन बोर्ड को जमीन वापस किए जाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा किए गए राष्ट्रव्यापी चक्का जाम में फंसने के कारण हरियाणा के अंबाला में एक व्यक्ति की हृदय गति रुक जाने के कारण मौत हो गई।

चक्का जाम की वजह से राजधानी दिल्ली सहित देश के कई शहरों में लोगों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ीं। कई जगहों पर रेल व सड़क यातायात बुरी तरह से प्रभावित रहा।

पुलिस के मुताबिक अंबाला में एक व्यक्ति को पेट दर्द की शिकायत होने पर उसे वाहन से अस्पताल ले जाया जा रहा था लेकिन वाहन जाम में फंस गया और मरीज के अस्पताल पहुंचने से पहले ही हृदय गति रुकने के कारण उसकी मौत हो गई।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विहिप ने सुबह करीब नौ बजे आईटीओ, मूलचंद, द्वारका, पीतमपुरा और दीपाली चौक समेत लगभग 20 स्थानों पर सड़कें जाम कर दीं। इस कारण राजधानी की पूरी यातायात व्यवस्था चौपट हो गई और जाम से निकलने के लिए लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ा।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विहिप के झंडे लिए समर्थकों ने राजधानी और नोएडा को जोड़ने वाले यमुना पुल और दिल्ली-जयपुर राजमार्ग को कुछ समय के लिए जाम कर दिया।

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने कहा, "राजधानी में हिंसा की कोई घटना नहीं हुई और जाम को तुरंत खोल दिया गया।"

विहिप के महासचिव प्रवीण भाई तोगड़िया ने कहा, "केंद्र सरकार को भूमि श्रीअमरनाथ श्राइन बोर्ड को सौंपनी ही होगी, वरना हम विरोध तेज करेंगे।"

उन्होंने कहा, "सरकार हिंदुओं को हल्के में नहीं ले सकती। उसे याद होना चाहिए कि जम्मू में हो रहा विरोध प्रदर्शन एक जनआंदोलन है और लंबे समय तक बरते गए भेदभाव का नतीजा है।"

इसी तरह पंजाब, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, बिहार व हरियाणा में चक्का जाम के कारण जनजीवन प्रभावित होने की खबर है।

पंजाब में इस कारण जालंधर, अमृतसर, लुधियाना और अन्य जगहों पर यातायात व्यवस्था चरमरा गई। छत्तीसगढ़ में प्रदर्शनकारियों ने राजधानी रायपुर के अलावा बिलासपुर, जगदलपुर, दुर्ग, भिलाई और कोरबा आदि अनेक शहरों के व्यस्त चौराहों पर जाम लगाया।

उत्तरप्रदेश में भी कार्यकर्ताओं ने रेल पटरियों को जाम कर अपना विरोध जताया। आगरा के संभागीय रेल कार्यालय के जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र ढिल्लो ने आईएएनएस से कहा, "दिल्ली से आ रही शताब्दी एक्सप्रेस को प्रदर्शनकारियों ने शहर के बाहरी इलाके में रोक लिया था, इसकी वजह से वह 44 मिनट की देरी से यहां पहुंची।"

वाराणसी में भी चक्का जाम का व्यापक असर देखा गया और सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। करीब एक घंटे से ज्यादा देर तक हावड़ा-दिल्ली रेल मार्ग बाधित रहा।

हिमाचल प्रदेश में प्रदर्शन अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण रहे, हालांकि कई जगहों पर लोगों को जाम का सामना करना पड़ा।

मध्यप्रदेश में चक्काजाम का व्यापक असर रहा। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर सहित प्रदेश के अन्य हिस्सों में दो घंटे तक वाहनों के पहिए थमे रहे। ग्वालियर में मारपीट और एक आटो को जलाए जाने के अलावा चक्का जाम शांतिपूर्ण रहा।

इंदौर में प्रशासन ने सबसे ज्यादा एहतियात बरती। बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था, उन स्थानों पर खास नजर रखी जा रही थी जहां भारत बंद के दौरान हिंसा भड़की थी।

बिहार में चक्का जाम का मिला-जुला असर देखा गया। भागलपुर, लखीसराय, बांका, गया, जमालपुर, फुलवारी में लोगों ने रेलगाड़ियों को रोक दिया। बांका में रेल पटरी पर जाम लगाने की वजह से इंटरसिटी एक्सप्रेस को रोक देना पड़ा वहीं लखीसराय में विक्रमशिला एक्सप्रेस को जाम के कारण रुकना पड़ा। पुलिस प्रवक्ता अनिल कुमार ने बताया कि राज्य के विभिन्न जिलों से लगभग आठ सौ विहिप कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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