बीजिंग ओलंपिक : सुहाना सफर खत्म, बैडमिंटन में हारीं सायना (राउंडअप)
बीजिंग, 13 अगस्त (आईएएनएस)। अपने पहले ही ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वाली भारत की बैडमिंटन स्टार सायना नेहवाल के सुहाने सफर का अंत हो गया। बुधवार को खेले गए मैराथन क्वार्टर फाइनल मुकाबले में वे इंडोनेशिया की खिलाड़ी मारिया क्रिस्टेन यूलियांती से हार गईं। एक घंटे से भी अधिक समय तक चले रोमांचक मुकाबले में दुनिया की 15वीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी सायना 28-26, 14-21, 15-21 से पराजित हुईं।
सायना की हार के साथ बैडमिंटन में भारत के लिए पदक पाने की उम्मीद समाप्त हो गई। पुरुष वर्ग में भारत के एकमात्र प्रतिनिधि अनूप श्रीधर मंगलवार को ही दूसरे दौर में हार गए थे।
सायना और यूलियांती का मैच हर लिहाज से रोमांचक रहा। दोनों खिलाड़ियों से बेहद कांटे की भिड़ंत की उम्मीद की जा रही थी और दोनों ने सभी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए जीत के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी।
प्री-क्वार्टर फाइनल में अपने से ऊंची वरीयता प्राप्त खिलाड़ी को हराकर अंतिम आठ में पहुंचीं सायना का मनोबल काफी बढ़ा हुआ था। इसका असर पहले सेट में दिखा। सायना 20-16 की बढ़त के साथ पहला सेट जीततीं दिख रहीं थीं, लेकिन यूलियांती ने अपने अनुभव का प्रयोग करते हुए चार अंक बचा लिए। हालांकि सायना ने यह सेट 28-26 से जीतकर अपना जज्बा कायम रखा।
दूसरे सेट में यूलियांती ने अपने खेल का स्तर उठाया। इसी का नतीजा था कि पूरे मैच में बेहतरीन नेट प्ले और कोर्ट कवरेज दिखाने वाली सायना कुछ गलतियां करने पर मजबूर हुईं।
निर्णायक सेट में भी सायना ने यूलियांती की तुलना में अच्छा खेल दिखाया। एक समय वे 11-3 से आगे चल रहीं थीं, लेकिन यूलियांती ने एक बार फिर अपने अनुभव का प्रयोग करते हुए यह सेट अपने नाम करते हुए सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
सायना ने मैच के बाद कहा, "मेरे और यूलियांती में अनुभव का अंतर था, लेकिन मैं खुद को मैच के अनुरूप ढाल नहीं सकी थी। जब तक मुझे यह बात समझ में आती, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। यह मुकाबला कांटे का रहा, लेकिन सच पूछिए तो यह मेरे हक में जाना चाहिए था।"
ओलंपिक में अपने अनुभव को लेकर सायना ने कहा, "मेरे लिए यह अनुभव कुछ खट्टा और कुछ मीठा रहा। मीठा इसलिए कि मैं तमाम लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरते हुए यहां तक पहुंची और खट्टा इसलिए क्योंकि दबाव बनाए रखने के बावजूद मैं क्वार्टर फाइनल में हार गई। इस मैच में मेरी जीत होनी चाहिए थी।"
सायना हार गईं, लेकिन ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने के सपने के साथ बड़ी हुई इस खिलाड़ी ने अपनी बहादुरी से सबको प्रभावित किया। सायना ने कुल मिलाकर उम्मीद से अच्छा प्रदर्शन किया। प्री-क्वार्टर फाइनल में बैडमिंटन स्पर्धा में अब तक का सबसे बड़ा उलटफेर करने वाली सायना के लिए पहला ओलंपिक न भूलने वाला अनुभव रहेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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