क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

बीजिंग ओलंपिक : मुक्केबाजी और टेनिस में भारत की पदक की आस बरकरार (राउंडअप)

By Staff
Google Oneindia News

बीजिंग, 12 अगस्त (आईएएनएस)। बीजिंग ओलंपिक का चौथा दिन भारत के लिए थोड़ी खुशी और थोड़ा गम लेकर आया। सोमवार को अभिनव बिंद्रा की स्वर्णिम सफलता के बाद भारतीयों ने एथेंस ओलंपिक में रजत जीतने वाले राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन समरेश जंग से काफी उम्मीदें पाल रखीं थीं, लेकिन ये दोनों खिलाड़ी अपनी-अपनी स्पर्धाओं के फाइनल में भी नहीं पहुंच सके।

यही हाल महिला तीरंदाजों का रहा। डोला बनर्जी, एम. बांबेल्या देवी और वी. प्रणीता अपने-अपने मुकाबले हारकर व्यक्तिगत मुकाबलों से बाहर हो गईं। भारत टीम स्पर्धा में पहले ही बाहर हो चुका थी। हालांकि मुक्केबाजी में अखिल कुमार तथा जितेंद्र कुमार और टेनिस में लिएंडर पेस तथा महेश भूपति ने प्री-क्वार्टर फाइनल में पहुंचकर भारतीयों की और पदक की आस बरकरार रखी है।

निशानेबाजी की डबल ट्रैप स्पर्धा में राठौड़ और 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा में समरेश फाइनल में जगह नहीं बना सके। बिंद्रा द्वारा स्वर्ण पदक जीतने के बाद राठौड़ और समरेश से भी लोग चमत्कार की उम्मीद कर रहे थे। खासतौर पर एथेंस ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले राठौड़ से विशेष उम्मीदें थीं, लेकिन उन्होंने निराश किया।

इसी तरह, राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन समरेश से भी उम्मीदें लगाई जा रही थीं, लेकिन समरेश ने अपेक्षाओं के दबाव में इतना खराब प्रदर्शन किया कि वे फाइनल में भी नहीं पहुंच सके। डबल ट्रैप स्पर्धा में राठौड़ ने 43-45-43 अंकों के साथ कुल 131 स्कोर हासिल किया। वे छह खिलाड़ियों वाले फाइनल तक का रास्ता बनाने वाले अंतिम खिलाड़ी से पांच अंक कम ही हासिल कर सके। 19 निशानेबाजों के बीच राठौड़ 15वें स्थान पर रहे। चार वर्ष पहले राठौड़ ने क्वालिफाइंग दौर में 135 अंक हासिल किए थे।

वर्ष 2006 के राष्ट्रमंडल खेलों में पांच स्वर्ण पदक जीतने वाले समरेश ने 88, 92, 91, 86, 90 और 93 अंकों के साथ कुल 540 अंक हासिल किए। उनका प्रदर्शन इतना खराब रहा कि वे 564 अंकों के न्यूनतम क्वालिफाइंग स्कोर तक भी नहीं पहुंच सके और 45 निशानेबाजों के बीच 42वें स्थान पर रहे। समरेश 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा से भी बाहर हो चुके हैं।

समरेश और राठौड़ के अलावा एथेंस ओलंपिक में डबल ट्रैप स्पर्धा का स्वर्ण जीतने वाले संयुक्त अरब अमीरात के निशानेबाज शेख अहमद अल मखतूम और आस्ट्रेलिया के मार्क रसेल का भी क्वालिफाई नहीं कर पाना खासा चौंकाने वाला नतीजा रहा।

निराशाजनक प्रदर्शन के बावजूद राठौड़ ने मीडिया से बात करने में कोई झिझक नहीं दिखाई। उन्होंने कहा, "मेरे लिए यह दिन बहुत कठिन रहा। निशाना लगाने में कोई दिक्कत नहीं हो रही थी। जब सबकुछ अच्छा चल रहा था, तब एक निशाना चूकना महंगा पड़ा। निशाने पर ध्यान लगाना आसान नहीं, खासतौर पर पहले वाले पर। हम इसी पर पिछले 10 दिनों से ध्यान लगाने के लिए अभ्यास कर रहे थे। हमने जोरदार मेहनत की थी। यही एक काम हमारे वश में था। मुझे दुख है कि अभिनव को छोड़कर हमारा और कोई निशानेबाज अपेक्षित परिणाम नहीं दे सका।"

निशानेबाजों के अलावा भारत की महिला तीरंदाज भी ओलंपिक से बाहर हो गइर्ं। व्यक्तिगत स्पर्धाओं के पहले दिन मंगलवार को तीनों महिला तीरंदाजों के बाहर होने के साथ ही इस खेल के महिला वर्ग में भारतीय चुनौती समाप्त हो गई। टीम स्पर्धा में भारतीय टीम पहले ही बाहर हो चुकी थी। हालांकि पुरुष वर्ग में मंगल सिंह चंपिया के रूप में भारत की एकमात्र चुनौती अब भी शेष है।

सबसे पहले हारने वालों में प्रणीता शामिल थीं, जिन्हें दूसरे दौर में उत्तर कोरिया की क्वोन उन सिल ने पराजित किया। डोला और बांबेल्या पहले दौर में ही वरीयता क्रम में अपने से नीचे क्रम की खिलाड़ियों से हार गईं।

रैंकिंग दौर में 31वें स्थान पर रहीं विश्व चैंपियन डोला को कनाडा की मैरी पीयर ब्यूडेट ने पराजित किया, जबकि राष्ट्रीय चैंपियन बांबेल्या को पोलैंड की इवोना मारसिंकिविज ने 101-103 अंकों से हराया। बांबेल्या दो अंकों से प्री-क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में नाकाम रहीं। रैंकिंग दौर में बांबेल्या 22वें स्थान पर रहीं थीं।

दूसरी ओर, पहले दौर में आस्ट्रेलिया की जेन वॉलर को हराने वाली प्रणीता उत्तर कोरिया की सिल के खिलाफ अपना शानदार प्रदर्शन बरकरार नहीं रख सकीं और 99-106 से हार गईं।

तीरंदाजी में अब भारत के एकमात्र उम्मीद चंपिया बचे हैं। रैंकिग दौर में शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरा स्थान हासिल करने वाले चंपिया बुधवार को पुरुषों की व्यक्तिगत स्पर्धा में हिस्सा लेंगे।

दूसरी ओर, मुक्केबाज जितेंद्र और अखिल ने प्री-क्वार्टर फाइनल में पहुंचकर भारत की पदक की आस बरकरार रखी।

51 किलोग्राम फ्लाईवेट वर्ग में जितेंद्र ने तुर्की के मुक्केबाज उलास फरकान मेमिस को 12-3 से पराजित किया। मुकाबला रोके जाने के वक्त फरकान रिटायर हो चुके थे। इस जीत के साथ जितेंद्र अंतिम सोलह में पहुंचने में सफल रहे।

पहले राउंड के बाद जितेंद्र ने 5-0 की बढ़त बना रखी थी। दूसरे दौर की समाप्ति तक जितेंद्र 9-2 की बढ़त कायम कर चुके थे। तीसरे दौर में जब फरकान पूरी तरह थक गए तब दक्षिण अफ्रीका के रेफरी अर्माडो कार्बोनेल ने खेल रोक दिया।

अखिल ने 54 किलोग्राम बेंटमवेट वर्ग में फ्रांस के मुक्केबाज अली हलाब को पराजित किया। भारतीय समर्थकों की तालियों के बीच राष्ट्रमंडल खेलों के विजेता अखिल 12-5 से जीत हासिल करने में सफल रहे।

मुक्केबाजों की तरह दिग्गज टेनिस खिलाड़ी महेश भूपति तथा लिएंडर पेस की जोड़ी ने भी भारतीयों को निराश नहीं किया। यह जोड़ी पहली जीत के साथ पुरुष वर्ग के युगल मुकाबलों के दूसरे दौर में पहुंच गई है। भारतीय जोड़ी ने फ्रांस के गिल्स सिमोन तथा गेल मोनफिल्स को 6-3, 6-3 से पराजित किया। अगले दौर में भारतीय जोड़ीदारों का मुकाबला ब्राजील के मेलो मार्सेलो और आंद्रे सा की जोड़ी से होगा।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

*

देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X