ब्रिटेन में मुफ्त इलाज सुविधा पर लग सकता है ग्रहण
वेंकटा वेमुरी
वेंकटा वेमुरी
लंदन, 12 अगस्त (आईएएनएस)। ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना (एनएचएस) के अधिकारियों को यह निर्देश दिया जाएगा कि किसी भी मरीज का इलाज हद से ज्यादा महंगा होने की सूरत में उसे मुफ्त इलाज की सुविधा से वंचित कर दिया जाए। ऐसी स्थिति में रोगियों की जान बचाना डाक्टरों की सर्वोच्च जिम्मेवारी नहीं रह जाएगी।
सरकारी स्वास्थ्य निगरानी निकाय नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर क्लीनिकल एक्सीलेंस (नाइस) ने पहली बार ऐसी आचार संहिता तैयार की है। इसमें कहा गया है कि इलाज के हद से ज्यादा महंगा होने के बावजूद मरीज की जान को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बाध्यता से एनएचएस को मुक्त रखा जाना चाहिए।
नाइस की रिपोर्ट 'सोशल वेल्यू जजमेंट्स' को पिछले महीने इसकी वेवसाइट पर डाला गया। इसमें नशेड़ियों, मोटापा से ग्रस्त लोगों और शराबखोरों के इलाज के बारे में सलाह दी गई है। इसमें कहा गया है कि अगर इन लोगोंे की फितरत या खान-पान शैली में कोई बदलाव नहीं आता है तो ऐसे लोगों का इलाज या तो रोक दिया जाए या कम कर दिया जाए। अगर डाक्टर को महसूस होता है कि किसी उम्रदराज या बुजुर्ग मरीज पर इलाज का असर कम पड़ रहा है या इलाज हद से ज्यादा महंगा है तो नि:शुल्क इलाज की सुविधा रोक दी जाए। इसमें सलाह दी गई है कि अगर कोई शराबी अपनी आदत से बाज नहीं आता है तो उसका गुर्दा प्रत्यारोपण नहीं किया जाए।
ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन की आचार समिति के प्रमुख टोनी कालैंड कहते हैं, "इंसान की जान ज्यादा कीमती है। हमें मानवता नहीं भूलनी चाहिए।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।