पाक सेना ने मुशर्रफ का साथ छोड़ा
यही नहीं स्थिति यह है कि पाकिस्तान सेना अब मुशर्रफ से कभी भी इस्तीफा मांग सकती है। मुशर्रफ के करीबी रहे एक सूत्र के मुताबिक मुशर्रफ अलग-थलग पड़ गए हैं और पिछले नौ साल से उनके साथ सत्ता का सुख उठा रहे राजनेता भी उनसे दूर हो रहे हैं।
वैसे तो मुशर्रफ के करीबी रहे लोग मीडिया से बातचीत करने से कतरा रहे हैं लेकिन परदे के पीछे की जानकारी के मुताबिक वे राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग चलाने के गठबंधन सरकार के फैसले के समर्थन में हैं। जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति के साथ अब गिनती के लोग ही बचे हैं।
सत्ताधारी गठबंधन के सूत्रों के मुताबिक सभी सरकारी दफ्तरों और प्रांतीय सरकारों से कहा गया है कि वे मशर्रफ को कोई आधिकारिक प्रोटोकॉल न दें। यही नहीं उनके सभी आधिकारिक कार्यक्रम रद्द किए जा चुके हैं।
यह पहला मौका होगा जब देश के किसी राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग चलेगा। उधर सेना के एक सम्मेलन में देश की राजनीतिक स्थिति या फिर मुशर्रफ के पक्ष में जरा भी चर्चा नहीं हुई।
उधर पाकिस्तानी सेना के प्रमुख अशफाक कियानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ से एक हफ्ते के अंदर इस्तीफा सौंपने के लिए कह सकते हैं। पाकिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की।
इसका
कारण
यह
है
कि
पाकिस्तानी
सेना
अब
यह
मान
चुकी
है
कि
मुशर्रफ
अब
अपने
पद
पर
ज्यादा
दिन
नहीं
टिकेंगे।
अधिकारियों
के
मुताबिक
कुछ
दिनों
में
सेना
मुशर्रफ
को
यह
कह
सकती
है
कि
उनका
महाभियोग
का
सामना
करना
पाकिस्तान
के
हित
में
नहीं
है।
इसलिए
वे
पद
छोड़
दें।