बीजिंग ओलंपिक : निशानेबाजी में संधू और मानशेर ने भी किया निराश (लीड-1)
बीजिंग, 10 अगस्त (आईएएनएस)। बीजिंग ओलंपिक के दूसरे दिन रविवार को भी भारतीय निशानेबाजों का खराब प्रदर्शन जारी रहा। विश्व चैंपियन मानवजीत सिंह संधू और अनुभवी मानशेर सिंह पुरुषों की ट्रैप स्पर्धा से बाहर हो गए।
बीजिंग, 10 अगस्त (आईएएनएस)। बीजिंग ओलंपिक के दूसरे दिन रविवार को भी भारतीय निशानेबाजों का खराब प्रदर्शन जारी रहा। विश्व चैंपियन मानवजीत सिंह संधू और अनुभवी मानशेर सिंह पुरुषों की ट्रैप स्पर्धा से बाहर हो गए।
मानशेर जहां आठवें स्थान पर रहे, वहीं मानवजीत ने 12वां स्थान हासिल किया। क्वालिफाइंग दौर के शीर्ष छह निशानेबाज फाइनल में पहुंचने में सफल रहे।
चौथी बार ओलंपिक में शिरकत कर रहे मानशेर हालांकि पहले दिन हुए दो राउंड में शानदार प्रदर्शन के बाद फाइनल में स्थान बनाते दिख रहे थे, लेकिन तीसरे दौर में वे अधिकतम 25 में से 20 अंक ही हासिल कर सके। इस खराब प्रदर्शन ने उन्हें फाइनल की दौड़ से बाहर कर दिया।
मानशेर रविवार को अंतिम दो राउंड में दो बार निशाना लगाने से चूक गए। पहले दिन 69 अंक जुटाने वाले मानशेर 35 निशानेबाजों के बीच आठवें स्थान पर रहे। उन्होंने अधिकतम 125 अंकों में से 117 अंक हासिल किए।
दूसरी ओर, शनिवार को पहले दो राउंड में अधिकतम 25 में से 23-23 अंक हासिल करने वाले मानवजीत ने तीसरे राउंड में 24 अंक हासिल कर अपनी स्थिति सुधारी थी, लेकिन रविवार को वे चौथे राउंड में 22 अंक ही हासिल कर सके। इस खराब प्रदर्शन की नतीजा हुआ कि फाइनल राउंड में 24 अंक हासिल करने के बावजूद वे पदक की दौैड़ में शामिल नहीं हो सके। 116 अंकों के साथ मानवजीत 12वें स्थान पर रहे।
रूस के एलेक्सी एलीपोव ने 121 अंकों के साथ पहला स्थान हासिल किया, जबकि चेक गणराज्य के डेविड कोस्टेलेकी दूसरे स्थान पर रहे।
मानवजीत ने कहा, "मैं अपने प्रदर्शन से निराश हूं। हालांकि मेरा खेल इतना भी खराब नहीं रहा। कभी-कभी स्थिति पर आपका नियंत्रण नहीं रहता। मैं चौथे राउंड में अपने निर्धारित लक्ष्य के हिसाब से प्रदर्शन नहीं कर सका।"
मानशेर ने स्वीकार किया कि तीसरे राउंड में 25 में से सिर्फ 20 अंक हासिल करने के कारण वे प्रतियोगिता से बाहर हो गए। उन्होंने कहा, "मैं क्या कहूं। मैंने काफी प्रयास किया, लेकिन नतीजा मेरे पक्ष में नहीं रहा। अगर मुझे एक राउंड में 25 अंक मिल जाते और तीन बार 24-24 अंक मिल जाते तो मैं आगे बढ़ सकता था। मैं जानता था कि बीजिंग में कठिन परीक्षा होगी। पीठ में दर्द के कारण मैं उस स्तर तक तैयारी नहीं कर पाया था, जिस स्तर की तैयारी की ओलंपिक में जरूरत होती है।"
इंडो-एशियन न्यूूज सर्विस।
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