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करियर : भारतीय सेना में पाएं सम्मान के साथ रोजगार

By Staff
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नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)। रक्षा सेवाएं युवा वर्ग के आकर्षण का केंद्र रही हैं। रक्षा सेवाएं अनुशासन, गरिमा और सामाजिक हैसियत का मिश्रित रूप हैं। इनमें धन और विशेष सुविधाएं भी मिलती हैं। किसी अन्य नौकरी या करियर में यह सब कुछ नहीं मिलता। जैतून-हरित की यूनिफार्म आज भी युवाओं को आकर्षित करती है, हालांकि अन्य क्षेत्रों में इतनी अधिक आकर्षक नौकरियां मौजूद हैं।

संयुक्त रक्षा सेवा(सीडीएस) परीक्षा में निम्नलिखित विषय/क्षेत्र शामिल हैं -पहला-भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए), देहरादून। दूसरा-नौसेना अकादमी, गोवा। तीसरा- वायुसेना स्टेशन, बेगमपेट, हैदराबाद और चौथा अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए), चेन्नई।

सीडीएस परीक्षा वर्ष में दो बार होती है। इसके लिए निम्नलिखित पात्रता मानदंड हैं -भारतीय सैन्य अकादमी के लिए उम्मीदवार किसी भी विषय में स्नातक हो, उसकी आयु अठारह से तेईस वर्ष के बीच हो और वह अविवाहित हो।

नौसेना अकादमी के लिए उम्मीदवार इंजीनियरिंग या भौतिकी अथवा गणित में स्नातक हो, आयु सीमा साढ़े अठारह वर्ष से साढ़े इक्कीस वर्ष तक है और अविवाहित हो। वायुसेना के लिए शैक्षिक योग्यता नौसेना अकादमी के समान है, लेकिन आयु सीमा अठारह से बाईस वर्ष है। अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) के लिए उम्मीदवार किसी भी विषय में स्नातक हो। आयु सीमा अठारह से चौबीस वर्ष, लेकिन विवाहित उम्मीदवारों को भी लिया जा सकता है।

सीडीएस की लिखित परीक्षा में 100 अंकों का अंग्रेजी पेपर होता है। अवधि सामान्य होती है। लेकिन ओटीए परीक्षा में बैठनेवाले उम्मीदवारों के लिए गणित विषय अनिवार्य नहीं होता है। अंग्रेजी के पेपर में व्याकरण तथा बोध-ज्ञान की परीक्षा ली जाती है। सामान्य ज्ञान में समसामयिक घटनाओं, सामान्य विज्ञान, इतिहास, भूगोल विषय शामिल हैं। यह परीक्षा स्नातक स्तर की होती है, लेकिन गणित प्रारंभिक स्तर तक का होता है तथा माध्यमिक स्कूल के पाठ्य विवरण में शामिल अंकगणित, बीजगणित, ज्यामिति, त्रिकोणमिति, विस्तार कलन और सांख्यिकी विषय होते हैं।

लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद अधिकांशत: उम्मीदवार चुन लिये जाते हैं, बशर्ते उन्होंने थोड़ी-बहुत मेहनत की हो तथा उनके पास मूलभूत ज्ञान हो। अगला चरण साक्षात्कार है। यह देश में प्रतियोगी परीक्षाओं की सबसे बड़ी चुनौती है। सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) साक्षात्कार लेता है। एसएसबी में उत्तीर्ण होने पर उम्मीदवार को बहुत बड़ी सफलता मिलती है।

एसएसबी द्वारा आयोजित साक्षात्कार का लक्ष्य व्यक्ति में निहित अधिकारियों के गुणों का पता लगाना है। इनमें नेतृत्व कौशल, प्रभावी पारस्परिक क्रियाएं, तेजी से निर्णय लेने की शक्ति, संप्रेषण कौशल, प्रतिकूल परिस्थितियों में निर्णय लेने की क्षमता, तर्कशक्ति तथा संगठन शक्ति, आत्मविश्वास, विलक्षण बहादुरी, दृढ़ निश्चय तथा सबसे ऊपर कर्तव्यनिष्ठा एवं राष्ट्र के प्रति निष्ठा आदि गुण शामिल हैं।

एसएसबी में तीन प्रकार के दृष्टिकोण अपनाए जाते हैं -पहला मनोवैज्ञानिक परीक्षण : इस बात का पता लगाने के लिए यह परीक्षण किया जाता है कि उम्मीदवार में अधिकारी बनने के लिए अपेक्षित मानसिक स्तर है या नहीं। यहीं से निवारण प्रक्रिया शुरू होती है। मनोवैज्ञानिक परीक्षण में शाब्दिक तथा शब्देतर अभ्यास कार्य शामिल है, जिसमें शब्दों के बीच संबंध, विषयवस्तु-मूल्यांकन, आत्म-मूल्यांकन तथा परिस्थिति के प्रति अनुक्रिया जैसे पहलू आते हैं।

एसएसबी के साक्षात्कार के माध्यम से जीवन के प्रति व्यक्ति के दृष्टिकोण, परिस्थितियों के प्रति अनुक्रिया एवं अत्यधिक जटिल हालात में विवेकशीलता/संयम रखने की योग्यता का आकलन किया जाता है।

दूसरा सामूहिक कार्य : आस-पास के माहौल और लोगों के साथ उम्मीदवार के व्यवहार की परीक्षा ली जाती है तथा अंतर्वैयक्तिक संबंधों एवं कौशलों का अध्ययन किया जाता है। इससे विशेष योजना के प्रति उम्मीदवार की प्रतिक्रिया के ढंग का पता लगाने में मदद मिलती है। यह सतर्कता, विवेक तथा सूझ-बूझ का अभ्यास कार्य है। इसमें घर से बाहर के सामूहिक कार्यो की दृष्टि से परखा जाता है। यहां इंटर-ग्रुप रुकावट दौड़, भाषण/वार्ता जैसी क्रियाएं शामिल हैं।

व्यक्ति को निर्धारित समय के भीतर छोटा भाषण देना होता है। यह आशु-वार्ता होती है। अंत में कमांड का कार्य दिया जाता है। यह परीक्षा इस प्रकार से तैयार की जाती है कि व्यक्ति में विद्यमान नेतृत्व शक्ति तथा सहयोग एवं टीम भावना से कार्य संपन्न करने की क्षमता का पता लग जाता है।

तीसरा साक्षात्कार: चयन का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पहलू इंटरव्यू है। इसमें उम्मीदवार से उसके परिवार एवं शैक्षिक पृष्ठभूमि, शौक, पाठ्येतर कार्यो, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं की जानकारी तथा रक्षा सेवाओं में भर्ती होने से जुड़े कारणों के बारे में सवाल पूछे जाते हैं। साक्षात्कार बहुत बारीकी से लिया जाता है।

साक्षात्कार के बारे में यह याद रखा जाए कि उम्मीदवार को मनगढ़ंत जवाब नहीं देने चाहिए। यदि कोई जवाब दिया जाता है तो संक्षेप में दें। उम्मीदवार को खुले दिमाग से साक्षात्कार में आना चाहिए। कोई पूर्वाग्रह नहीं रखना है। उसे सोच-समझकर सही-सही जानकारी देनी चाहिए। उम्मीदवार याद रखें कि एसएसबी को अधिकारी गुण-संपन्न लोगों की जरूरत है - अर्थात उन्हें ऐसे लोगों की जरूरत है, जिन्हें अधिकारी के रूप में प्रशिक्षित किया जा सके। यदि उम्मीदवार ऐसा आभास देता है कि वह प्रशिक्षित है तो व्यावहारिक प्रयोजनार्थ उसका नाम रद्द कर दिया जाता है।

साक्षात्कार के बाद शारीरिक परीक्षण आता है। इसका प्रयोजन उम्मीदवार की शारीरिक शक्ति तथा सहनशक्ति का पता लगाना है। शारीरिक परीक्षण में ऐसे उम्मीदवारों को अधिक सफलता मिलती है, जो अच्छे खिलाड़ी हैं। शारीरिक परीक्षण के दौरान पैरों के बाद कद और नेत्र दृष्टि को प्रमुख महत्व दिया जाता है। छोटा कद या वर्ण-अंधता के कारण उम्मीदवार अयोग्य ठहरा दिया जाता है।

चुने गए उम्मीदवार को भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है। प्रशिक्षण की अवधि अठारह माह की होती है। सफल समापन के बाद उम्मीदवार को सेकेंड लेफ्टिनेंट का रैंक दिया जाता है। अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी के प्रशिक्षण की अवधि एक माह है। प्रशिक्षण के बाद उन्हें भी सेकेंड लेफ्टिनेंट का रैंक दिया जाता है। नियुक्ति की अवधि शॉर्ट सर्विस कमीशन में पांच वर्ष की होती है।

वायुसेना अकादमी में प्रशिक्षण की अवधि पचहत्तर सप्ताह होती है। प्रशिक्षण के बाद उन्हें पायलट अधिकारी का रैंक दिया जाता है। जहां तक नौसेना अकादमी का संबंध है, उम्मीदवार को नौसेना की कार्यकारी शाखा में कैडेट के रूप में शामिल किया जाता है। प्रशिक्षण के बाद उन्हें भारतीय नौसेना जहाजों के बोर्ड पर नियुक्त किया जाता है, बशर्ते उन्होंने एक सौ अस्सी दिनों की न्यूनतम अवधि तक फुल नेवल वाच रखने का प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया हो।

रक्षा सेवाओं में आकर्षण का केंद्र वेतनमान ही नहीं, बल्कि अन्य नौकरियों की तुलना में अधिक विशेष भत्ते और सुविधाएं भी शामिल हैं। इनमें सामूहिक बीमा कवर, छुट्टी सुविधाएं, रियायती आवास सुविधा एवं यात्रा, नि:शुल्क चिकित्सा सुविधाएं और अन्य अनेक समतुल्य सुविधाएं शामिल हैं। जिनके कारण अधिकतम संख्या में उम्मीदवार इस ओर आकर्षित होते हैं।

स्नातक के बाद कार्यालय संवर्ग प्रवेश सेना-

(ए) विशिष्ट क्षेत्रों में इंजीनियरिंग डिग्रीधारक, आयु सीमा बीस से सत्ताईस वर्ष है। यह चयन सीधे एसएसबी इंटरव्यू के माध्यम से होता है। प्राय: अप्रैल व अक्टूबर में प्रवेश की अधिसूचना दी जाती है।

(बी) 50 प्रतिशत अंकों सहित स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करनेवाले एनसीसी के सदस्यों के लिए शॉर्ट सर्विस कमीशन की विशेष प्रवेश परीक्षा है। कैडेट के पास 'सी' प्रमाण-पत्र परीक्षा मंे न्यूनतम बी ग्रेड होना चाहिए। आयु सीमा उन्नीस से पच्चीस वर्ष है। सीधे चयन एसएसबी साक्षात्कार के माध्यम से किया जाता है। अक्टूबर व नवंबर में प्रवेश परीक्षा की सूचना दी जाती है।

(सी) विशेष क्षेत्र में इंजीनियरिंग डिग्रीधारकों के लिए शॉर्ट सर्विस कमीशन (तकनीकी), सीधे एसएसबी साक्षात्कार से चयन किया जाता है। मार्च और अक्टूबर में प्रवेश परीक्षा अधिसूचित की जाती है। (डी) सेना शिक्षा कोर (एईसी) तथा सेना आयुध कोर (एओसी) में स्नातकोत्तर, आयु सीमा तेईस से सत्ताईस वर्ष है। एईसी या एओसी के लिए विनिर्दिष्ट विषयों में इंजीनियिरंग।

(ई) सेना मेडिकल कोर (एएमसी) शॉर्ट सर्विस कमीशन में पैंतालीस वर्ष तक की आयु के सिविलियन डॉक्टर्स को रखा जाता है। यह चयन साक्षात्कार के माध्यम से किया जाता है। (एफ) सेना दंत कोर पीसी और एसएससी, सीधे स्थायी कमीशन में बीडीएस की भरती की जाती है। उम्मीदवार ने 60 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हों तथा आयु अट्ठाईस वर्ष तक हो, एमडीएस की आयु तीस वर्ष तक हो। इन्होंने एक वर्ष की 'रीटेटिंग इंटर्नशिप' पूरी की हो।

(जी) रिमाउंट वेटेरिनेरी कोर: आयु सीमा इक्कीस से बत्तीस वर्ष है। शैक्षिक योग्यता पशु चिकित्सा-विज्ञान में स्नातक डिग्री है। एसएसबी साक्षात्कार से सीधे चयन किया जाता है। (एच) जेएजी विभाग के लिए विधि स्नातक : आयु सीमा इक्कीस से पच्चीस वर्ष है। न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों सहित प्रोफेशनल विधि डिग्री हो। जेएजी विभाग द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा के माध्यम से चयन किया जाता है। लिखित परीक्षा के बाद एसएसबी साक्षात्कार होता है।

(आई) स्नातक स्तर की शिक्षा के बाद भारतीय सेना में प्रवेश की अन्य श्रेणियों में ऑटो काटरेग्राफर सर्वेक्षक, हवलदार शिक्षा, ग्रुप एक्स तथा वाई जेसीओ (धार्मिक शिक्षक), जेसीओ (खान-पान) शामिल है। आयु सीमा बीस से सत्ताईस वर्ष है। जेसीओ (धार्मिक शिक्षक) की आयु सीमा सत्ताईस से चौंतीस वर्ष है।

(करियर संबंधी और अधिक जानकारी के लिए देखिए ग्रंथ अकादमी, नई दिल्ली से प्रकाशित ए. गांगुली और एस. भूषण की पुस्तक "अपना कैरियर स्वयं चुनें"।)

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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