बैंको से मिल रहे नकली नोटों से व्यापारियों में हड़कंप
वाराणसी, 9 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तरप्रदेश में बैंकों से लगातार मिल रहे नकली नोटों की खबर से व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है। हर व्यापारी नकली नोटों के बढ़ते चलन से सहमा हुआ है।
वाराणसी के व्यापारी नेता मोहन लाल सरावगी ने बैंकों से नकली नोटों के मिलने के बारे में पूछने पर बताया कि बैंकों के कर्मचारी ही जब नकली नोटों के कारोबारी बन गए हैं तो अपराधियों को भला कैसे पकड़ा जा सकेगा। सरावगी ने कहा कि यह कहने में अब कोई हिचक नहीं रह गयी है कि दहशतगर्दो से देश को उतना खतरा नहीं है जितना कि नकली नोंटों के धंधेबाजों से।
सरावगी ने बताया कि पूर्वाचल में नकली नोटो का प्रचलन इस कदर बढ़ गया है कि बैंक अपनी जान बचाने के लिए ग्राहकों को अपने यहां आ गए नकली नोटों को दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब बैंक की गड्डी लेकर ग्राहक अपने घर या दुकान पर उसे चेक करता है तो उसमें नकली नोट पाए जाते हैं। इसकी शिकायत लेकर जब व्यापारी वापस बैंक पहुंचता तो उससे वह नोट लेने से इंकार कर दिया जाता हैं।
बनारसी वस्त्र उद्योग संघ के महामंत्री राजन बहल ने कहा कि बैंक में जब खाताधारक अपना रुपया जमा करने के लिए जाता है तो बैंक के कर्मचारी एक-एक नोट चेक करने के बाद ही जमा करते हैं। पचास हजार रुपया जमा करने में आधा घंटे का समय लग जाता है। लेकिन जब बैंक नोट देता है तो खाताधारक उसे बैंक में चेक नहीं करता क्योंकि बैंक पर उसे अटूट विश्वास है कि बैंक से उसे नकली नोट नहीं दिया जाएगा।
गौरतलब है कि वाराणसी, जौनपुर, मऊ सहित आसपास के जिलों में नकली नोटों के मिलने व छापने की मशीनें कई बार बरामद हो चुकी है। लेकिन जब सिद्घार्थनगर कालोनी में नकली नोटों का जखीरा मिला तो प्रशासन के होश उड़ गए।
वाराणसी पूर्वाचल व पश्चिमी बिहार के व्यापार का एक बड़ा केन्द्र है। यहां पर पूर्वाचल के व्यापारी खरीद फरोख्त के लिए आते हैं इसके साथ ही पर्यटक भी आते हैं। हर व्यापारी या व्यक्ति के पास ऐसा उपकरण या जानकारी नहीं है जो नकली नोटों को देखते ही पहचान लें।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।