बीजिंग ओलंपिक : चीनवासियों ने कहा, हमने कर दिखाया
बीजिंग, 9 अगस्त (आईएएनएस)। करीब एक लाख दर्शकों और प्रतियोगियों की मौजूदगी में 29वें ओलंपिक खेलों के शानदार उद्घाटन के बाद शनिवार सुबह चीनवासियों के चेहरे पर आत्मविश्वास व गर्व की भावना थी।
बीजिंग, 9 अगस्त (आईएएनएस)। करीब एक लाख दर्शकों और प्रतियोगियों की मौजूदगी में 29वें ओलंपिक खेलों के शानदार उद्घाटन के बाद शनिवार सुबह चीनवासियों के चेहरे पर आत्मविश्वास व गर्व की भावना थी।
सुबह यहां के अखबारों में इस बारे में 'हमने कर दिखाया' शीर्षक से रिपोर्टे प्रकाशित हुई हैं वहीं युवा वर्ग इस सफल आयोजन को पश्चिम की उस सोच पर तमाचा मान रहा है, जो चीन की व्यवस्था और समाज की गाहे-बगाहे आलोचना करती है।
मीडिया में छपी रिपोर्टों में कहा गया है "हमने कर दिखाया।" साथ ही इन रिपोर्टों में यह भी पूछा गया है, "क्यों हमसे दुनिया नफरत करती है?"
ओलंपिक उद्घाटन समारोह की भव्यता की पूरी दुनिया में वाहवाही हो रही है। इस भव्य आयोजन में तकनीकी और प्रौद्योगिकी के संगम को देखकर यहां मौजूद दर्शकों मंत्रमुग्ध रह गए।
यहां तक कि चीन के कटु आलोचकों का भी मानना है कि इस देश ने अपनी पांच हजार साल पुरानी संस्कृति के साथ अपने आधुनिक चेहरे का शानदार प्रदर्शन किया है।
इस आयोजन ने चीन के उन नागरिकों में राष्ट्रीयता की भावना को और मजबूत कर दिया है, जो हमेशा से पश्चिमी जगत की आलोचनाएं सुनते रहे हैं। पश्चिमी जगत राजनीतिक व्यवस्था और सूडान, म्यांमार, ईरान और उत्तर कोरिया के प्रति चीन के नरम रुख को लेकर उसकी आलोचना करता रहा है।
इस सफल आयोजन का गर्व और जोश शहर के सबसे प्रमुख चौराहे थियानमेन चौक पर समारोह खत्म हो जाने के बाद आधी रात को लोगों की भीड़ को देखकर लगाया जा सकता था। लोग चेहरे पर चीन और ओलंपिक के रंग लगाकर 'गो चाइना-गो चाइना' का नारा लगा रहे थे। आतिशबाजी और रंगारंग कार्यक्रम देखकर दर्शकों के साथ 639 सदस्यीय चीनी ओलंपिक दल में भी काफी उमंग थी। ओलंपिक में भाग लेने वाला सबसे बड़ा दल चीन का ही है।
इसमें और ज्यादा उत्साह और उमंग तब पैदा हो गई जब 1984 के लॉस एंजलिस ओलंपिक में तीन स्वर्ण पदक जीतने वाले जिमनास्ट ली निंग ने शानदार करतब दिखाया। चकाचौंध रोशनी में उनके करतब से पूरा स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट और नारेबाजी से गूंज उठा।
एक युवा चीनी दुभाषिए लिउ शाजिआन ने कहा, "शनिवार सुबह मैंने सबसे पहले सीएनएन और बीबीसी देखा, ताकि पता चल सके उन्होंने किस तरह इस आयोजन की रिपोर्टिग की है। क्या वे इस बार भी चीनी व्यवस्था या समाज की आलोचना ही कर रहे हैं या फिर उनके नजरिये में कोई बदलाव आया है।"
चीनी अखबार 'लीगल डेली' में छपे एक लेख में इसका जिक्र किया गया है कि सन 1908 में किस तरह देश के ओलंपियन झांग बोलिंग ने पूछा था कि कब चीन खेलों में भाग लेगा, कब देश अपना पहला स्वर्ण जीतेगा और कब देश ओलंपिक खेलों का आयोजन करेगा।
इसमें से पहले दो सवालों का जवाब पहले ही मिल गया था, लेकिन अंतिम सवाल का जवाब आज मिला है। इसमें कहा गया है 'आक्रमणकारी औपनिवेशिक ताकतें' एक समय चीन को आतंकित किया करती थीं और उसे 'पूरब का बीमार आदमी' करार दिया करती थीं उसने आज दुनिया को दिखा दिया, "मैं प्रतिस्पर्धा कर सकता हूं।"
इस बारे में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के प्रमुख जैक रोग ने कहा, "चीन ने लंबे समय तक ओलंपिक खेलों के आयोजन का सपना देखा था और वह सपना आज साकार हो गया।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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