एनएसजी के लिए मसौदा तैयार, कुछ सदस्य कर सकते हैं विरोध
नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)। परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के साथ समझौते का मसौदा तैयार होने के बावजूद अमेरिका इस स्थिति में नहीं है कि 21 अगस्त को विएना में होने वाली 45 सदस्यीय समूह की बैठक में कुछ देशों को भारत को छूट दिए जाने पर आपत्ति उठाने से रोक सके।
सूत्रों के अनुसार भारत, अमेरिका और एनएसजी के कुछ महत्वपूर्ण सदस्यों के बीच हुई गहन वार्ता के बाद समझौते का मसौदा स्वीकार कर लिया गया है। मसौदे के जिन प्रावधानों पर भारत द्वारा गंभीर आपत्तियां उठाई गईं, उनको रद्द कर दिया गया।
सूत्रों के अनुसार लेकिन इससे एनएसजी में मसौदे को आसानी से पारित होने की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। क्योंकि कुछ सदस्य देश एनएसजी में काफी मजबूत स्थिति में हैं और वे आपत्तियां उठा सकते हैं।
समझौते के मसौदा अब 45 सदस्य राष्ट्रों को वितरित किया जा रहा ताकि वे आने वाली बैठक के लिए तैयारी कर सकें।
प्रस्तावित समझौते से एनएसजी भारत के साथ परमाणु व्यापार की छूट देगा। परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं करने के कारण इस समय एनएसजी के देशों ने भारत के साथ परमाणु सामग्री के व्यापार को प्रतिबंधित कर रखा है।
भारत एनएसजी के मामले में पूरी तरह अमेरिका पर निर्भर है। अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार एनएसजी के 20 सदस्य भारत से प्रतिबंध समाप्त करने के पक्ष में हैं। 20 सदस्यों का रूख अभी भी संदेहास्पद है। लेकिन उनके भी भारत को परमाणु व्यापार की छूट दिए जाने पर सहमत होने की आशा है।
केवल आस्ट्रिया, बेल्जियम, आयरलैंड, नीदरलैंड और स्विट्जरलैंड के भारत को कोई भी छूट दिए जाने का विरोध किए जाने की आशंका है।
पिछले कुछ सप्ताह से विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ राजनयिक और प्रधानमंत्री के विशेष दूत एनएसजी के सदस्य देशों का समर्थन हासिल करने के लिए कई राष्ट्रों की यात्रा कर रहे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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