महिला कंडोम की आसान उपलब्धता एड्स विरोधी मुहम को ताकत देगी: रिपोर्ट
सुमिता थापर
सुमिता थापर
मैक्सिको सिटी, 8 अगस्त(आईएएनएस)। एड्स के खिलाफ जंग में महिलाओं के लिए एकमात्र कारगर हथियार है 'महिला कंडोम', लेकिन इसकी आसान उपलब्धता सुनिश्चित नहीं किया जाना चिंता का विषय है। ऑक्सफाम और वर्ल्ड पोपुलेशन फोरम जैसे संगठनों ने इस कंडोम को सर्वसुलभ बनाये जाने की वकालत करते हुए इस जीवनरक्षक उत्पाद के प्रति नीति नियंताओं के रवैये की आलोचना की है।
ब्रिटेन के अग्रणी दातव्य संगठन ऑक्सफाम की प्रवक्ता फराह करीमी कहती हैं,"इस उत्पाद को लेकर नीति नियंताओं का रवैया हमेशा से ही उपेक्षा भरा रहा है। आज एचआईवी संक्रमण पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कहीं अधिक दबोच रहा है। खासकर, उप-सहारा अफ्रीका में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। इसके बावजूद इस कंडोम को लेकर विभिन्न देशों की सरकारों का रवैया उत्साहजनक नहीं है। हम जानते हैं कि अगर महिलाओं तक इस उत्पाद की पहुंच आसान होती, तो लाखों महिलाओं को एचआईवी संक्रमण और अनचाहा गर्भधारण से बचाया जा सकता था।"
ऑक्सफाम और वर्ल्ड पोपुलेशन फाउंडेशन की रिपोर्ट 'लाचार महिलाएं, सुरक्षा से वंचित' को यहां इंटरनेशनल एड्स कांफ्रेंस में लांच किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर की सरकारों ने एड्स के खिलाफ महिला नियंत्रित एकमात्र हथियार 'महिला कंडोम' की अनदेखी कर लाखों लोगों की जान खतरे में डाल दी है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की उप कार्यकारी निदेशक पूर्णिमा माने कहती हैं, "हर दिन 7000 महिलाएं एचआईवी पॉजिटिव रोगियों की जमात में शामिल होती हैं। हमें उन्हें बचाने के लिए इस कंडोम की उपलब्धता आसान बनानी होगी।"
इसमें कहा गया है कि महिला कंडोम महंगा होने के कारण अधिकांश महिलाओं की पहुंच से बाहर है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।