बीजिंग ओलंपिक : फेडरर के लिए खास है ओलंपिक
बीजिंग, 7 अगस्त (आईएएनएस)। दुनिया के सर्वोच्च वरीयता प्राप्त टेनिस खिलाड़ी रोजर फेडरर के लिए ओलंपिक खास मायने रखता है। यही वह आयोजन है जहां फेडरर अपनी प्रेयसी मिर्का वैवरीनी से मिले थे।
बीजिंग, 7 अगस्त (आईएएनएस)। दुनिया के सर्वोच्च वरीयता प्राप्त टेनिस खिलाड़ी रोजर फेडरर के लिए ओलंपिक खास मायने रखता है। यही वह आयोजन है जहां फेडरर अपनी प्रेयसी मिर्का वैवरीनी से मिले थे।
वर्ष 2000 में मिर्का से मिलने के बाद फेडरर ने एथेंस ओलंपिक में अपने देश स्विटजरलैंड का राष्ट्रध्वज थामा था। एक बार फिर वे अपने देश का राष्ट्रध्वज संभालेंगे। यह मौका उनके लिए कुछ ज्यादा ही खास होगा क्योंकि वे उद्घाटन समारोह के दिन अपना 27वां जन्मदिन मनाएंगे।
राष्ट्रध्वज संभालने का सम्मान तो फेडरर पहले भी हासिल कर चुके हैं, लेकिन उन्हें असल खुशी ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर मिलेगी। ऐसे में जबकि वे अपने करियर के सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं, ओलंपिक पदक उनकी गिरती प्रतिष्ठा को फिर से स्थापित करने का काम करेगा।
फेडरर तीसरी बार ओलंपिक में खेलने जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने अब तक स्वर्ण नहीं जीता है।
बीजिंग में फेडरर और स्पेन के खिलाड़ी राफेल नडाल के बीच अगर भिड़ंत की संभावना बनती है तो यह ओलंपिक के सबसे बड़े आकर्षणों में एक होगी। इस सत्र में नडाल के साथ-साथ कई अन्य खिलाड़ियों से मात खा चुके फेडरर जीत के साथ कुछ यागदार लम्हे सहेजने में सफल होंगे।
बुधवार को नडाल मीडियाकर्मियों से मिले थे, जबकि गुरुवार को फेडरर की बारी थी। दोनों मौकों पर जबरदस्त भीड़ थी।
हालांकि फेडरर ने यह स्वीकार करने से इनकार किया कि वे इस सीजन में संघर्ष नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "पिछले कुछ हफ्तों से मैं अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर सका हूं। मेरा मानना है कि मैं ऐसे मैच हारा जिन्हें कभी नहीं हारना चाहिए। एक लिहाज से इससे दुख होता है लेकिन दूसरी तरफ मैं यह सोचता हूं कि मैं खराब खेलकर नहीं हारा। यह मेरे लिए मायने रखता है।"
फेडरर से जब यह पूछा गया कि उनके लिए ओलंपिक की सबसे अच्छी याद क्या है तो उन्होंने कहा, "अपने प्रेमिका मिर्का से मिलना। मिर्का से मिलने के बाद मेरे करियर को एक नया आयाम मिला। राष्ट्रध्वज लेकर देश का नेतृत्व करना दूसरी सबसे अच्छी याद है। हालांकि मिर्का से मिलना मेरे लिए ज्यादा अहमियत रखता है क्योंकि वे मेरे साथ आठ वर्षो से हैं, जबकि मैंने केवल 10 मिनट के लिए राष्ट्रध्वज संभाला था।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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