रुश्दी का लेखन जटिल है: तिमेरी मुरारी
चेन्नई, 7 अगस्त(आईएएनएस)। विवादास्पद लेखक सलमान रुश्दी भले ही दुनिया के अनगिनत साहित्य प्रेमियों की पसंद हैंे, लेकिन जाने-माने लेखक, पत्रकार, फिल्म निर्माता और नाट्य लेखक तिमेरी मुरारी रुश्दी के लेखन को जटिल मानते हैं। उन्हें रुश्दी की रचनाएं पसंद नहीं हैं।
मुरारी ने यहां आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, "सच यह है कि मैं रुश्दी की कोई भी रचना पूरी तरह नहीं पढ़ पाया हूं। उनकी रचनाएं दिमाग को अतिरिक्त मेहनत करने के लिए बाध्य करती हैं। दरअसल, उनकी रचनाएं बोधगम्य नहीं हैं। मैं समझता हूं कि अधिकांश लोग पुरस्कृत रचनाकारों को पढ़कर अपने अंदर श्रेष्ठता का भाव जगाना चाहते हैं। दुनिया में कई ऐसे श्रेष्ठ लेखक हुए, जिन्होंने पुरस्कारों की चाहत के बगैर बेजोड़ रचनाएं लिखीं। ऐसे लेखकों में समरसेट मॉम, ऑस्कर वाइल्ड, टॉलस्टाय और फ्रेडरिक फोर्सिथ प्रमुख थे। "
मुरारी कनाडा और ब्रिटेन की अकादमिक और साहित्यक बिरादरी में शुमार हैं। उन्होंने अब तक 14 पुस्तकें लिखी हैं। टाइम पत्रिका ने मुरारी की फिल्म "द स्क्वायर सर्कल" को वर्ष 1997 की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में शुमार किया था।
उनका मानना है कि आज-कल पुरस्कार के काबिल उन्हीं रचनाओं को माना जा रहा है, जो दुबरेध हैं या समझ के दायरे से बाहर हैं। वह कहते हैं, "विडंबना यह हैं कि ऐसी रचनाओं को उत्कृष्ट करार देकर उन्हें पुरस्कार के योग्य माना जा रहा है। रुश्दी की रचनाएं भी आम पाठकों की समझ से परे हैं।" वह यह भी मानते हैं कि जैसे-जैसे भारत का अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक कद बढ़ रहा है, भारतीय लेखकों का जलवा भी बढ़ रहा है। वैसे, वह रुश्दी जैसे लेखकों को भारत का सर्वश्रेष्ठ साहित्यिक प्रतिनिधि नहीं मानते।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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