पाक में सत्तारुढ़ गठबंधन चलाएगा मुशर्रफ पर महाभियोग (लीड-3)
इस्लामाबाद, 7 अगस्त (आईएएनएस)। पाकिस्तान के सत्तारुढ़ गठबंधन ने गुरुवार को निर्णय लिया कि वह देश की नई संसद का विश्वास जीतने में असफल रहे राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पर महाभियोग चलाएगी।
सत्तारुढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने यह घोषणा भी की है कि वे गत नवंबर में मुशर्रफ द्वारा बर्खास्त किए गए सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीशों की बहाली भी करेंगे।
प्रस्ताव के मसौदे से संबंधित एक बैठक के बाद सूचना मंत्री शेरी रहमान ने कहा, "हमने महाभियोग प्रस्ताव का मसौदा तैयार कर लिया है और गठबंधन के सहयोगियों की सहमति के बाद इसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा।"
शेरी ने कहा कि गठबंधन ने इस बात का औपचारिक अनुरोध किया है कि प्रस्ताव को पटल पर रखने के लिए 11 अगस्त को नेशनल असेंबली का एक सत्र आहूत किया जाए।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सहअध्यक्ष आसिफ अली जरदारी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता नवाज शरीफ के बीच दो दिन चली मैराथन वार्ता के बाद गुरुवार को इस मुद्दे पर सहमति कायम हुई।
इससे पहले शरीफ की पार्टी ने कहा था कि गुरुवार शाम को एक संयुक्त घोषणा देश के लिए बढ़िया खबर ला सकती है।
समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक पीएमएल-एन प्रवक्ता अहसान इकबाल ने गुरुवार सुबह संवाददाताओं को बताया था कि राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग और उनके द्वारा बर्खास्त न्यायाधीशों की बहाली के मुद्दे पर दोनों पार्टियों की बातचीत में प्रगति हुई है।
इससे पहले दोनों पार्टियों में महाभियोग पर हो रही वार्ता के कारण राष्ट्रपति मुशर्रफ ने बुधवार को और फिर गुरुवार सुबह को अपनी चीन रवानगी स्थगित कर दी। उनके एक सहयोगी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया था कि अब राष्ट्रपति की चीन यात्रा के बारे में अंतिम निर्णय सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा संयुक्त बयान जारी करने के बाद ही लिया जाएगा।
पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता के कारण देश के शेयर बाजार में बुधवार को 3.6 फीसदी की गिरावट आई और गुरु वार को भी बाजार खुलने के बाद गिरावट का दौर जारी रहा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुशर्रफ को इस स्थिति में ढकेलने से वे पलटकर संसद और सरकार को भंग भी कर सकते हैं।
गौरतलब है कि सन 1999 में एक रक्तहीन सत्ता परिवर्तन में मुशर्रफ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अपदस्थ कर दिया था। इसके एक वर्ष बाद उन्होंने शरीफ को सपरिवार सऊदी अरब निर्वासित कर दिया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
*