समारोह प्रबंधन क्षेत्र में खुले रोजगार के अवसर
नई दिल्ली, 7 अगस्त (आईएएनएस)। प्रोफेशन के रूप में समारोह प्रबंधन अभी भी प्रारंभिक दौर से गुजर रहा है। बड़े और छोटे नगरों में इधर-उधर अस्तित्व में आ रही व्यावसायिक कंपनियों में भी सकारात्मक वृद्धि हुई है। यदि समारोह प्रबंधन एक सौ पचास करोड़ रुपये का है, तब अनुभवहीन उद्योग भी अगले पांच वर्षो में पांच सौ करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।
नई दिल्ली, 7 अगस्त (आईएएनएस)। प्रोफेशन के रूप में समारोह प्रबंधन अभी भी प्रारंभिक दौर से गुजर रहा है। बड़े और छोटे नगरों में इधर-उधर अस्तित्व में आ रही व्यावसायिक कंपनियों में भी सकारात्मक वृद्धि हुई है। यदि समारोह प्रबंधन एक सौ पचास करोड़ रुपये का है, तब अनुभवहीन उद्योग भी अगले पांच वर्षो में पांच सौ करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।
जैसा कि नाम से पता चलता है, समारोह प्रबंधन का अर्थ किसी समारोह को सतर्क होकर रचनात्मक दृष्टिकोण से शो के आयोजन और निष्पादन की योजना तैयार करना है। यह योजना उत्पाद या ब्रांड लांच, प्रदर्शनी या कंसर्ट शो या यहां तक कि सीआईटीआई की बैठक जैसा कॉरपोरेट सम्मेलन भी हो सकती है।
समारोह प्रबंधन मूलत: विज्ञापन तथा जनसंपर्क का ही विस्तृत रूप है। किसी समय जनसंपर्क के साधन के रूप में तथा ब्रांड बनाने के अभ्यास के रूप में इसका इस्तेमाल किया जाता था, किंतु आज यह जनसंपर्क कार्य से अधिक महत्वपूर्ण है और इसीलिए इसे विशेष क्षेत्र माना जाता है। करियर के रूप में समारोह प्रबंधन के विशेष तत्व विशिष्ट रूप से निम्नलिखित भागों में विभाजित हैं - संकल्पना तैयार करना, रचनात्मकता, नवाचार, संभार योजना, तकनीकी योजना, डिजाइन मूल्य तथा मूल्य प्रबंधन।
संकल्पना तैयार करने में ब्रांड जैसे इवेंट की कल्पना तथा उसके बाद ब्रांड की विशिष्ट मांगों के अनुकूल तैयारी शामिल है। उत्तम समारोह प्रबंधक का सार तत्व रचनात्मकता और नवाचार है। इसलिए समारोह में शामिल प्रक्रियाओं की गहन जानकारी होना जरूरी है, भले ही प्रोडक्ट लांच करना हो अथवा प्रदर्शनी हो या किसी की वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित पार्टी हो। निर्धारित श्रोतागण की जानकारी होना निर्णायक तत्व है।
समारोह प्रबंधन नवोन्मेष या नूतन ढंग से कार्य करता है, अर्थात् 'नई बोतल में पुरानी शराब बेचना है।' समारोह के प्रस्तुतीकरण के ढंग पर लक्ष्य पूरा किया जा सकता है या लक्ष्य भंग हो सकता है।
समारोह प्रबंधन कंपनी के कार्य एवं इसके आकार पर निर्भर करते हैं। छोटी एजेंसी में कार्य परस्पर मिलते-जुलते होते हैं, जबकि बड़ी कंपनी में विशेष विभागों की व्यवस्था होती है। विशेष विभागों में ग्राहक सेवा, विपणन (मार्केटिंग), उत्पादन, सर्जनात्मक या कारोबार विकास क्षेत्र शामिल है। योजना-दल योजनाएं तैयार करता है तथा इवेंट का प्रारंभिक खाका तैयार करता है। उत्पादन दल सुनिश्चित करता है कि महत्वपूर्ण दिवस को अपेक्षित हर व्यवस्था की जा रही है तथा यह कार्य सभी विभाग मिलकर कर रहे हैं, जबकि निष्पादन दल योजना टीम द्वारा बनाई गई रूपरेखा पर कार्य करते हैं।
इस टीम में इलेक्ट्रीशियन, सज्जाकार, फ्लोरिस्ट एवं बढ़ई शामिल होते हैं। समन्वयन कार्य के लिए सुपरवाइजर होते हैं।
समारोह प्रबंधकों के लिए सफलता के निम्नलिखित तत्व बताए जाते हैं -संप्रेषण कौशल, विचार, उत्कृष्ट संगठन एवं नेटवर्क कौशल, विश्लेषणात्मक मस्तिष्क, लंबी अवधि तक कार्य करने की क्षमता, उत्कृष्ट जनसंपर्क कौशल, मधुर एवं आकर्षक व्यक्तित्व तथा समारोह के अनुरूप विचार ढालने के बारे में आत्मविश्वास।
इस क्षेत्र में धाक जमाने के लिए आतिथ्य प्रबंधन, होटल प्रबंधन, विज्ञापन और मार्केटिंग पृष्ठभूमि से काफी मदद मिलती है। इवेंट प्रबंधन में विशेष पाठ्यक्रम चलाया जाता है, लेकिन इच्छुक व्यक्ति इवेंट प्रबंधन कंपनी में प्रशिक्षणार्थी के रूप में कार्य शुरू कर सकता है। अन्य विकल्प कॉरपोरेट क्षेत्र है।
आज अनेक कंपनियों में इन-हाउस समारोह टीम है, जो अपने कार्यक्रम तैयार करती है। श्रम विभाजन तथा उच्च स्तरीय इवेंट के प्रबंधन के क्षेत्र में यह प्रवृत्ति उभरकर सामने आ रही है। पीआर फर्मे संकल्पना तैयार करने तथा कार्यनीति बनाने का कार्य करती हैं, जबकि वास्तविक इवेंट का निष्पादन इवेंट प्रबंधन कंपनियां करती हैं।
यहां अच्छा पारिश्रमिक मिलता है। अनुभवहीन प्रशिक्षणार्थी भी चार हजार रुपये कमा सकता है। एमबीए या कुछ अनुभव प्राप्त स्नातकोत्तर को लगभग छह हजार से आठ हजार रुपये तक छोटी एजेंसी में मिलता है। यह पारिश्रमिक एजेंसी के आकार, समारोह के बजट जैसे कारकों पर निर्भर करता है, हालांकि सुपरवाइजर अच्छा पैसा कमा सकता है, लेकिन अंशकालिक सुपरवाइजर प्रतिदिन चार सौ रुपये तक कमा सकता है।
सतही तौर पर, यह क्षेत्र बड़ा लाभप्रद दिखाई देता है, लेकिन यह भ्रामक धारणा है। समारोह प्रबंधन तथा इसे सफल बनाना श्रमसाध्य कार्य है, जिसके लिए निरंतर अथक प्रयास करने की जरूरत होती है। अतिथि सत्कार, बैठने की व्यवस्था, उद्घाटित करने की व्यवस्था, सतर्कता, स्थल की सजावट जैसे ब्राह्य ब्योरों एवं सैट, प्रकाश, ध्वनि एवं विशेष प्रभाव जैसे तकनीकी कौशलों का ध्यान रखना पड़ता है।
सफल इवेंट के लिए सही समय पर उचित दृष्टि से प्रत्येक कार्य व्यापार देखना आवश्यक है। आपको अनवरत कठोर परिश्रम ही नहीं करना पड़ता, बल्कि संकट कालीन स्थिति में शांत भी रहना पड़ता है। निर्धारित बजट के भीतर सफल इवेंट का आयोजन और समय सीमा के भीतर कार्य सम्पन्न करना आदि भी बड़ी चुनौतियां हैं। यह उद्योग समग्र रूप में निष्पादन पर आधारित है तथा इसके परिणाम तुरंत सामने आते हैं। यह बात संतोषजनक है।
प्रबंधन प्रक्रिया सीखने के लिए समारोह आदर्श प्लेटफार्म है, जहां व्यक्ति ब्रांड या उत्पाद के करीब आता है तथा परिणामस्वरूप उद्योग के भी। अन्य लाभ यह है कि आप जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों से मिलते हैं और उनके साथ कार्य करते हैं। विजक्राफ्ट एंटरटेनमेंट एजेंसी (भारत की प्रमुख इवेंट प्रबंधन कंपनी) इवेंट इंजीनियर प्राइवेट लिमिटेड, डीएनए नेटवर्क, क्लॉज सेलीब्रॉ जैसी कुछ एजेंसियां इस क्षेत्र में कार्य कर रही हैं।
(करियर संबंधी और अधिक जानकारी के लिए देखिए ग्रंथ अकादमी, नई दिल्ली से प्रकाशित ए. गांगुली और एस. भूषण की पुस्तक "अपना कैरियर स्वयं चुनें"।)
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।