मुशर्रफ के खिलाफ चलाया जाएगा महाभियोग (लीड-4)
इस्लामाबाद, 7 अगस्त (आईएएनएस)। पाकिस्तान के सत्तारुढ़ गठबंधन ने नई संसद का विश्वास जीतने में विफल रहे राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के खिलाफ महाभियोग चलाने और सर्वोच्च न्यायालय के बर्खास्त न्यायाधीशों को बहाल करने का फैसला लिया है। गठबंधन के इस फैसले से देश में नया राजनीतिक संकट पैदा होने की आशंका है।
सत्तारुढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के बीच चली मैराथन बातचीत के बाद गुरुवार शाम इसकी घोषणा की गई।
पीपीपी के नेता आसिफ अली जरदारी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "पाकिस्तान में लोकतंत्र के लिए एक अच्छी खबर है।"
उन्होंने कहा, "देश की नई संसद का विश्वास जीतने में असफल रहे जनरल मुशर्रफ पर महाभियोग चलाया जाना तय है।"
जरदारी ने इसे पाकिस्तान में लोकतंत्र के लिए एक शुभ समाचार बताते हुए कहा कि पीपीपी और पीएमएल-एन मिलकर देश में वास्तविक लोकतंत्र लाने के लिए प्रयास करेंगे।
जरदारी ने आरोप लगाया कि मुशर्रफ के शासन में ही देश आर्थिक संकट का शिकार और कमजोर हुआ है।
उन्होंने कहा कि पिछले साल नवंबर में मुशर्रफ द्वारा बर्खास्त किए गए न्यायाधीशों को बहाल किया जाएगा।
इससे पहले महाभियोग प्रस्ताव के मसौदे से संबंधित एक बैठक के बाद सूचना मंत्री शेरी रहमान ने कहा, "हमने महाभियोग प्रस्ताव का मसौदा तैयार कर लिया है और गठबंधन के सहयोगियों की सहमति के बाद इसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा।"
शेरी ने कहा कि गठबंधन ने इस बात का औपचारिक अनुरोध किया है कि प्रस्ताव को पटल पर रखने के लिए 11 अगस्त को नेशनल असेंबली का एक सत्र आहूत किया जाए।
जरदारी और पीएमएल-एन नेता नवाज शरीफ के बीच दो दिन चली मैराथन वार्ता के बाद गुरुवार को इस मुद्दे पर सहमति कायम हुई।
उल्लेखनीय है कि दोनों पार्टियों में महाभियोग पर हो रही वार्ता के कारण राष्ट्रपति मुशर्रफ ने बुधवार को और फिर गुरुवार सुबह को अपनी चीन रवानगी स्थगित कर दी थी। उनके एक सहयोगी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया था कि अब राष्ट्रपति की चीन यात्रा के बारे में अंतिम निर्णय सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा संयुक्त बयान जारी करने के बाद ही लिया जाएगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुशर्रफ को इस स्थिति में ढकेलने से वे पलटकर संसद और सरकार को भंग भी कर सकते हैं।
गौरतलब है कि सन 1999 में एक रक्तहीन सत्ता परिवर्तन में मुशर्रफ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अपदस्थ कर दिया था। इसके एक वर्ष बाद उन्होंने शरीफ को सपरिवार सऊदी अरब निर्वासित कर दिया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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