क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

इलेक्ट्रानिक कचरे से निपटने में पूरी तरह सक्षम नहीं है भारत

By Staff
Google Oneindia News

नई दिल्ली, 7 अगस्त(आईएएनएस)। अगर आप यह समझते हैं कि आपके जंग खाए पुराने टीवी सेट या पीसी को कूड़ाघर या अपशिष्ट निपटान केंद्र में सुरक्षित तरीके से विखंडित कर दिया गया होगा, तो आप मुगालते में है। एक नए अध्ययन के मुताबिक इस तरह का इलेक्ट्रानिक कचरा पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा रहा है।

नई दिल्ली, 7 अगस्त(आईएएनएस)। अगर आप यह समझते हैं कि आपके जंग खाए पुराने टीवी सेट या पीसी को कूड़ाघर या अपशिष्ट निपटान केंद्र में सुरक्षित तरीके से विखंडित कर दिया गया होगा, तो आप मुगालते में है। एक नए अध्ययन के मुताबिक इस तरह का इलेक्ट्रानिक कचरा पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा रहा है।

पर्यावरण संरक्षण संगठन ग्रीनपीस की एक ताजा रपट के मुताबिक भारत इलेक्ट्रानिक कचरे का विश्वस्तरीय ठिकाना बन गया है। देश में यह कचरा मिट्टी और पानी को प्रदूर्षित कर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर रहा है। इसमें कहा गया है कि भारत और चीन जैसी तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं के सामने यह समस्या प्रमुख चुनौती बनकर सामने आई है। इन देशों को आर्थिक विकास के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे के निर्माण के मद्देनजर बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रानिक व इलेक्ट्रिकल उपकरणों की जरूरत पड़ रही है। इसी रफ्तार से इन देशों में इलेक्ट्रानिक कचरा भी पैदा हो रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में इलेक्ट्रानिक अपशिष्ट के निपटान का तरीका अभी भी पारंपरिक है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2007 में भारत में 380,000 टन इलेक्ट्रानिक कचरा पैदा हुआ और ऐसी आशंका है कि 2012 तक यह बढ़कर सालाना 800,000 टन हो जाएगा। इसमें सालाना 15 फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है। इस तरह के कचरे में कैडमियम, क्रोमियम, पारा, पोलीविलाइल क्लोराइड्स जैसे घातक रसायन होते हैं,जो तंत्रिका तंत्र, गुर्दा, हड्डियों, प्रजनन तंत्र आदि पर घातक असर डालते हैं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

**

Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X