पीपीपीः विश्वास मत हासिल करें मुशर्रफ
पीपीपी के इस विचार को उसकी सहयोगी पीएमएल एन को शांत करने एवं गठबंधन का अस्तित्व बनाए रखने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
पीपीपी के सूत्रों ने बताया कि इस विचार का एक उद्देश्य मुशर्रफ की सम्मानजनक तरीके से रवानगी और गठबंधन को टूटने से बचाना भी है।
समाचार पत्र डॉन में प्रकाशित खबर में कहा गया है कि पीपीपी के इस कदम से मुशर्रफ द्वारा पिछले साल आपातकाल के दौरान बर्खास्त किए गए न्यायाधीशों की बहाली की राह भी प्रशस्त हो जाएगी क्योंकि लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित नए राष्ट्रपति उन्हें फिर से शपथ दिलाएंगे।
बताया जाता है कि इस विचार पर कल पीपीपी के शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी के सह अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में चर्चा की। समझा जाता है कि आज पीएमएलएन प्रमुख नवाज शरीफ और जरदारी के बीच गठबंधन के भविष्य को लेकर होने जा रही बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा होगी।
बर्खास्त
न्यायाधीशों
की
बहाली
गठबंधन
में
एक
विभाजक
मुद्दा
बन
गई
है।
पीएमएलएन
कहती
है
कि
इस
मुद्दे
का
हल
संसदीय
प्रस्ताव
से
निकाला
जाना
चाहिए।
दूसरी
ओर
पीपीपी
ने
न्यायाधीशों
की
बहाली
को
विवादास्पद
संविधान
सुधार
पैकेज
से
जोड़
दिया
है।