पद छोड़ने अथवा विश्वास मत हासिल करने के लिए तैयार नहीं हैं मुशर्रफ
इस्लामाबाद, 6 अगस्त (आईएएनएस)। राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने ने फैसला किया है कि न तो वे अपने पद से त्यागपत्र देंगे और न ही संसद में विश्वास मत प्रस्तुत करेंगे। राष्ट्रपति के एक नजदीकी सूत्र ने बुधवार को यह जानकारी दी।
इस्लामाबाद, 6 अगस्त (आईएएनएस)। राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने ने फैसला किया है कि न तो वे अपने पद से त्यागपत्र देंगे और न ही संसद में विश्वास मत प्रस्तुत करेंगे। राष्ट्रपति के एक नजदीकी सूत्र ने बुधवार को यह जानकारी दी।
सूत्र ने आईएएनएस को बताया, "वे निर्वाचित राष्ट्रपति हैं और तब तक अपने पद पर बने रहेंगे जब तक उनका कार्यकाल समाप्त नहीं हो जाता अथवा संसद उनके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाती।"
मंगलवार को गठबंधन सरकार के दो प्रमुख दलों, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने निर्णय लिया कि मुशर्रफ को सदन में विश्वास मत हासिल करने को कहा जाए या फिर उन पर महाभियोग चलाकर उनके पद से हटा दिया जाए।
सत्तारुढ़ गठबंधन का सदन में बहुमत है और उसे यकीन है कि मुशर्रफ विश्वास मत हासिल नहीं कर पाएंगे और उन्हें उनके पद से त्यागपत्र देना पड़ेगा।
सूत्र ने कहा कि ऐसा कोई कानून नहीं है जिसके तहत राष्ट्रपति को विश्वास मत हासिल करने के लिए बाध्य किया जाए। वे निर्वाचित राष्ट्रपति हैं और उन्हें केवल संसद द्वारा अधिनियम बना कर ही पद से हटाया जा सकता है।
गौरतलब है कि मुशर्रफ को पद से हटाना पीएमएल-एन के प्रमुख नवाज शरीफ की प्रमुख मांगों में है। मुशर्रफ ने सन 1999 में सेना प्रमुख के पद पर रहते हुए शरीफ की सरकार का तख्ता पलट दिया था। उसके एक साल बाद ही उन्होंने शरीफ को सपरिवार सऊदी अरब निर्वासित कर दिया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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