गुड़गांव में अमेरिकी मरीज का जटिल आपरेशन
गुड़गांव, 6 अगस्त(आईएएनएस)। चिकित्सा विज्ञान की दुनिया में अनगिनत प्रतिमान स्थापित करने वाला अमेरिका भले ही जानलेवा रोगों से ग्रस्त लोगों की भीड़ को आकर्षित करता रहा है, पर भारतीय डाक्टरों ने एक अमेरिकी मरीज की रीढ़ का बेहद जटिल आपरेशन कर चिकित्सा विज्ञान में दुर्लभ मिसाल कायम की है। गुड़गांव में हुए इस आपरेशन को एशिया में अपनी तरह का पहला आपरेशन करार दिया गया है।
गुड़गांव, 6 अगस्त(आईएएनएस)। चिकित्सा विज्ञान की दुनिया में अनगिनत प्रतिमान स्थापित करने वाला अमेरिका भले ही जानलेवा रोगों से ग्रस्त लोगों की भीड़ को आकर्षित करता रहा है, पर भारतीय डाक्टरों ने एक अमेरिकी मरीज की रीढ़ का बेहद जटिल आपरेशन कर चिकित्सा विज्ञान में दुर्लभ मिसाल कायम की है। गुड़गांव में हुए इस आपरेशन को एशिया में अपनी तरह का पहला आपरेशन करार दिया गया है।
अस्थि रोग विशेषज्ञ और बेहद कुशल स्पाइनल सर्जन हर्षवर्धन हेगड़े के नेतृत्व में डाक्टरों की एक टीम ने 52 वर्षीय अमेरिकी मरीज किम बस्क का आपरेशन कर एक ही बार में चार डिस्क बदलने का दुर्लभ रिकार्ड कायम किया है। इन डिस्क के बदले उनकी रीढ़ में चार कृत्रिम डिस्क लगाए गए हैं। दो डिस्क उनकी गर्दन और दो उनकी रीढ़ के निचले हिस्से में लगाए गए हैं। यह मैराथन व जटिल आपरेशन 31 जुलाई को आर्टेमिस हेल्थ इंस्टीट्यूट में किया गया।
हेगड़े ने आईएएनएस को बताया, "जहां तक शल्य चिकित्सा से जुड़े इतिहास की बात है, तो मैंने इससे पहले ऐसे किसी आपरेशन के बारे में न तो सुना है और न ही पढ़ा है। मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि यह एशिया में अपनी तरह का पहला आपरेशन है।"
उन्होंने बताया कि अमूमन दो डिस्क बदलना ही दुर्लभ आपरेशन माना जाता है, पर भारतीय डाक्टरों ने चार डिस्क बदलकर इतिहास कायम कर दिया है। उनके मुताबिक इस तरह का आपरेशन बेहद जोखिम भरा होता है।
डाक्टरों ने उनकी गर्दन के डिस्क नंबर 5-6 और 6-7 को हटाकर उनकी जगह धातुई डिस्क फिट कर दिए। इसी तरह रीढ़ के निचले हिस्से में एल4-एल5 और एल-5 सैक्रम बोन डिस्क को हटाकर उनकी जगह भी धातुई डिस्क लगा दिए गए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।