25 वर्षो से बगैर मलद्वार के जीवित ममता को है किसी मसीहा का इंतजार
पटना, 6 अगस्त (आइएएनएस)। क्या आपने कभी सुना है कि किसी व्यक्ति का मलद्वार नहीं है और इसके बगैर भी वह 25 वर्षो से जिन्दा है। निश्चित ही आपका उत्तर होगा कि नहीं। परंतु यह सच है।
पटना, 6 अगस्त (आइएएनएस)। क्या आपने कभी सुना है कि किसी व्यक्ति का मलद्वार नहीं है और इसके बगैर भी वह 25 वर्षो से जिन्दा है। निश्चित ही आपका उत्तर होगा कि नहीं। परंतु यह सच है।
झारखंड के लातेहार जिले के बरवाडीह निवासी भोला प्रसाद सोनी की 25 वर्षीय पुत्री ममता एक या दो नहीं बल्कि पूरे 25 वर्षो से बगैर मलद्वार के जिन्दा है। जन्म से ही विकलांग ममता के मलद्वार नहीं है। विकलांगता के कारण ममता बड़ी मुश्किल से चल और बोल पाती है।
ममता के पिता भोला प्रसाद सोनी ने आइएएनएस को बताया कि तीन-चार दिनों में ममता पेशाब के रास्ते बड़ी मुश्किल से मल त्याग करती है। यही कारण है कि उसका पेट हमेशा फूला हुआ रहता है। बकौल भोला, धन के अभाव में वे अपनी बेटी का इलाज नहीं करा पा रहे हैं। चिकित्सकों ने कहा कि ऑपरेशन से ही वह ठीक हो सकती है पर उसमें 50 हजार रुपये खर्च आएगा।
ट्यूशन पढ़ाकर किसी तरह अपने परिवार का पेट भर रहे भोला ने बताया कि वे अपनी पुत्री के इलाज के लिए कई बार स्थानीय विधायक व सांसद से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है।
उन्होंने बताया कई बार निवेदन करने के बाद भी उनका नाम गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों की सूची में दर्ज नहीं किया गया है, जिससे उनकी विकलांग पुत्री का सरकारी स्तर पर भी इलाज संभव नहीं हो पा रहा है।
इस संबंध में लातेहार के सिविल सर्जन डा. धनेश्वर बड़ाईक ने आइएएनएस को बताया कि ममता का इलाज ऑपरेशन के बिना संभव नहीं । उन्होंने कहा कि बिना मलद्वार के ममता अगर अब तक जिन्दा है तो यही बड़ी बात है।
उधर, चतरा संसदीय क्षेत्र से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद धीरेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि ममता के इलाज के लिए उन्होंने सांसद मद से 50 हजार रुपये देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा, "आवश्यक कागजी कार्रवाई के बाद ममता को इलाज के लिए 50 हजार रुपये मिल जाएंगे।"
बहरहाल, स्थिति जो भी हो परंतु ममता और उसके पिता को आज एक ऐसे मसीहा का इंतजार है, जो उनकी जिन्दगी में खुशियां दे सके।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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