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अमरनाथ विवाद : झड़प में 12 पुलिसकर्मी घायल, राज्यपाल की शांति की अपील (राउंडअप)

By Staff
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जम्मू/श्रीनगर, 5 अगस्त (आईएएनएस)। श्रीअमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) को आवंटित जमीन वापस लिए जाने का विरोध कर रहे जम्मू में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में 12 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए। वहीं प्रदर्शनकारियों ने एक सरकारी भवन और एक पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया। दूसरी ओर राज्यपाल एन.एन. वोहरा ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।

प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जम्मू सीमा पर स्थित जौरिया शहर में झड़प हुई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए फायरिंग करने की धमकी दी, जिसके बाद ही प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और पुलिस स्टेशन पर पथड़ाव कर दिया।

सूत्रों के अनुसार झड़प में 13 पुलिसकर्मी घायल हो गए। अखनूर और कथुआ जिले में प्रदर्शनकारियों ने सरकारी भवन को आग के हवाले कर दिया। वहीं घघवाल में प्रदर्शनकारियों ने रेल पटरियां उखाड़ दी और जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग भी जाम कर दिया। उग्र प्रदर्शनकारी सोमवार को फायरिंग करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी।

उग्र प्रदर्शनकारियों ने जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर लंबा जाम लगा दिया। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने घागवाल और सांबा के बीच रेल पटरी को नुकसान पहुंचाया।

उधर, जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के अध्यक्ष यासीन मलिक जम्मू क्षेत्र में मुस्लिमों के कथित शोषण और कश्मीर घाटी में आर्थिक गतिरोध उत्पन्न करने का आरोप लगाते हुए अनिश्चितकाल के लिए भूख हड़ताल पर चले गए।

यासीन ने राजधानी के मैसुमा स्थित पार्टी मुख्यालय के नजदीक उस स्थान पर भूख हड़ताल शुरू की है, जहां सोमवार को प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोली से एक 22 वर्षीय युवक की मौत हो गई थी।

सूत्रों के अनुसार जिस समय प्रदर्शनकारी घागवाल और सांबा के बीच रेलवे पटरी को नुकसान पहुंचा रहे थे, उस समय पुलिस और सुरक्षाकर्मी केवल मूकदर्शक बने हुए थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार प्रदर्शनकारी नारा लगा रहे थे कि अब दिल्ली को उनकी बात सुननी होगी।

एक अन्य घटनाक्रम में मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने मंगलवार को केंद्र सरकार से जम्मू में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की।

माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी ने कहा कि यदि केंद्र सरकार इस मसले पर तुरंत हस्तक्षेप नहीं करती है तो स्थिति और भी गंभीर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ तत्व जम्मू में मौजूदा स्थिति का लाभ उठा सकते हैं।

गौरतलब है कि सोमवार को सांबा में पुलिस फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई थी और 28 अन्य घायल हुए थे। मंगलवार को उग्र प्रदर्शनकारी दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे।

हाालंकि, राज्य सरकार ने मंगलवार को हुई फायरिंग की घटना की दंडाधिकारी से जांच कराने का आदेश दिया है। उधर, प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सोमवार को सबसे पहले पुलिस अधीक्षक प्रभात सिंह ने फायरिग की, उसके बाद ही अन्य पुलिसकर्मियों ने गोली चलाईं।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मंगलवार को लगातार चौथे दिन जम्मू के ज्यादातर इलाकों में कर्फ्यू के बावजूद राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही ठप रही। अधिकारियों ने बताया कि मार्ग पर खड़ी गाड़ियों की सुरक्षा के लिए पुलिस और सेना के जवान तैनात कर दिए गए हैं।

एक पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "मौजूदा समस्या के हल के लिए कोई निश्चित तरीका नहीं है। इस स्थिति का सामना सावधानी से करना होगा। हम तनाव बढ़ाना नहीं चाहते।"

गौरतलब है कि श्रीअमरनाथ श्राइनबोर्ड को आवंटित जमीन वापस लेने के विरोध में पिछले चार सप्ताह से अमरनाथ यात्रा संघर्ष समिति के सदस्य हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं।

उधर युवक की हत्या के विरोध में यहां कश्मीर बार एसोसिएशन ने विरोध प्रदर्शन किया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विरोध और स्वतंत्रता के समर्थन में नारे लगाए। शहर के विभिन्न इलाकों में युवाओं ने भी अपना विरोध प्रदर्शन किया है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए शहर के विभिन्न इलाकों में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती कर दी गई है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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