आईएसआई को लेकर मुशर्रफ और गिलानी के बीच टकराव बरकरार
इस्लामाबाद, 6 अगस्त (आईएएनएस)। पाकिस्तान खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) पर रक्षा मंत्रालय का नियंत्रण भले ही बहाल हो गया है, पर इसे अंतिम फैसला नहीं माना जा सकता। इस मसले पर राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ और प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के बीच टकराव जोर पकड़ रहा है।
कैबिनेट ने विवादों के घेरे में रहने वाली इस एजेंसी को आंतरिक मंत्रालय के अधीन करने संबंधी अपनी अधिसूचना पर फिलहाल अमल नहीं करने का फैसला किया है। सरकार ने 26 जुलाई को यह अधिसूचना जारी की थी। द न्यूज अखबार के मुताबिक मंगलवार को कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले में कहा गया है कि सरकार खुफिया गतिविधियों के समन्वय का प्रयास जारी रखेगी। अगली व्यवस्था तक 26 जुलाई वाली अधिसूचना पर अमल नहीं होगा।
26 जुलाई की अधिसूचना में यह कहा गया था कि यह एजेंसी आंतरिक मंत्रालय के तहत काम करेगी। कुछ ही घंटों बाद प्रेस सूचना विभाग ने यह स्पष्टीकरण दिया कि आईएसआई और इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) दोनों एजेंसियां रक्षा मंत्रालय के तहत ही काम करती रहेंगी। सरकार के रुख में बदलाव का कारण मुशर्रफ और सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कियानी का दबाव माना जा रहा है। मुशर्रफ ने रविवार को आईएसआई की जोरदार तारीफ कर अपनी मंशा जाहिर कर दी है। इस मसले पर गिलानी से उनका टकराव जोर पकड़ रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।