सुल्तानगंज के मुसलमानों का मुख्य रोजगार है कांवर निर्माण
पटना, 6 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार के सुल्तानगंज में श्रद्धालुओं का खास स्थान है। क्या आप जानते हैं कि विश्व प्रसिद्ध वैद्यनाथ धाम में कांवरियों द्वारा ले जाने वाले अधिकांश कांवर सुल्तानगंज के मुस्लिम परिवार बनाते हैं। इन मुस्लिम परिवारों का यह रोजगार कोई नया नहीं बल्कि अब यह उनका खानदानी पेशा बन गया है।
सुल्तानगंज में बहने वाली उत्तरवाहिनी गंगा से कांवरिये जल उठाकर बाबा वैद्यनाथ धाम की यात्रा प्रारंभ करते हैं। यही कारण है कि यहां कांवरों की बिक्री हिन्दुओं के पावन माह सावन में काफी बढ़ जाती है। सुल्तानगंज में ऐसे लगभग दो दर्जन से ज्यादा परिवार हैं जिनका मुख्य पेशा कांवर बनाना ही है।
कांवर बनाने वाले मोहम्मद फकरुद्दीन का कहना है कि मेरे पूर्व मेरे बाप और दादा भी कांवर बनाने का ही कार्य किया करते थे। 14 वषरें से कांवर बनाने का कार्य कर रहे फकरुद्दीन ने बताया कि कांवरों में मुख्य रूप से बांस, मखमली कपड़े, घंटी, सीप की मूर्ति, प्लास्टिक के सांपों का प्रयोग किया जाता है। इस दौरान शुद्घता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इस रोजगार में मेरा पूरा परिवार वर्ष भर लगा रहता है।
उधर, जावेद का कहना है कि ऐसे तो पूरे वर्ष कांवरों की बिक्री होती है, परंतु सावन व भादो माह में इनकी बिक्री काफी बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि इसी दो माह की कमाई से मेरे परिवार का वर्ष भर गुजारा चलता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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