उप्र की एसबीआई शाखा में 50 करोड़ की हेराफेरी की आशंका (लीड-1)
सिद्धार्थनगर, 5 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तरप्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज स्थित भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शाखा में सोमवार रात भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और पुलिस की छापेमारी की कार्रवाई के बाद शाखा में 20 लाख रुपये के जाली नोट और तिजोरी से 70 लाख रुपये गायब मिले थे। अब पुलिस इसे 50 करोड़ की हेराफेरी का मामला बता रही है।
डुमरियागंज के थानाप्रभारी शमशेर बहादुर सिंह ने आईएएनएस को बताया कि मंगलवार को दिनभर आरबीआई के अधिकारियों द्वारा नोटों की गिनती का काम चलता रहा। यह प्रक्रिया अगले कई दिनों तक चलने वाली है, उसके बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी।
उन्होंने कहा कि शाखा में करीब 50 करोड़ रुपये की हेराफेरी की आशंका है, क्योंकि एसबीआई की इस शाखा से अन्य स्थानीय शाखाओं को नकद राशि उपलब्ध कराई जाती थी। अधिकारी ने बताया कि सिद्धार्थनगर की आबादी का एक बड़ा वर्ग खाड़ी देशों और मुंबई में रहता है।
आरबीआई के अधिकारियों के मुताबिक डुमरियागंज समेत उससे संबंधित सभी शाखाओं में प्रतिदिन 1 करोड़ रुपये का लेन-देन और 40 लाख रुपये की निकासी होती है।
थानाप्रभारी ने कहा, "एसबीआई की इस शाखा का कैशियर सुधाकर त्रिपाठी वर्ष 1986 से लगातार इसी शाखा में काम रहा है। "
आरबीआई के अधिकारियों के अनुसार जांच के दौरान बैंक की तिजोरी से 70 लाख रुपये गायब पाए गए।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बृज लाल ने कहा कि इस रैकेट को बैंक कर्मचारियों की जानकारी में चलाया जा रहा था। इस बात के पुख्ता प्रमाण वैध नोटों की जगह अवैध नोटों की हेराफेरी से मिला है।
यह पहली बार हुआ है जब किसी सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकिंग इकाई को खुले बाजार में अवैध मुद्रा की आपूर्ति के लिए कटघरे में खड़ा किया गया है।
भारत-नेपाल सीमा से सटे डुमरियागंज शहर से पिछले सप्ताह हुई चार लोगों की गिरफ्तारी के बाद ही इस मामले के तह तक जाने में मदद मिली है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि उन चार गिरफ्तार व्यक्तियों में से एक आबिद शेख उर्फ पंडित से लगातार पूछताछ के बाद मामले के संबंध में सूत्र मिले और संबंधित बैंक के खजांची सुधाकर त्रिपाठी के घर से सात लाख रुपये नकद बरामद किए गए। हालांकि अधिकारियों को कुल बरामद राशि में से सिर्फ पांच हजार अवैध मिले।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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