शिशु स्वास्थ्य के निर्धारित लक्ष्यों से पिछड़ सकते हैं भारत व चीन : यूनिसेफ
बैंकाक, 5 अगस्त (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष 'यूनिसेफ' ने मंगलवार को चेतावनी दी कि भारत और चीन जैसे देशों को संयुक्त राष्ट्र द्वारा तय सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि दोनों देशों में वर्ष 2006 के दौरान 25 लाख बच्चों की मौत हुई थी।
संस्था ने एक रिपोर्ट में कहा कि जब तक भारत स्वास्थ्य, पोषण, जल, सफाई, शिक्षा, लैंगिक समानता और बाल सुरक्षा आदि के क्षेत्र में महती सुधार नहीं करेगा, तब तक सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्य को पाने के प्रयास असफल होते रहेंगे।
संयुक्त राष्ट्र ने सन 2000 में लक्ष्य तय किया था कि सन 2015 तक पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में दो तिहाई की कमी लाई जाएगी।
समाचार एजेंसी डीपीए ने यूनिसेफ के हवाले से कहा कि भारत और चीन में शिशु मृत्युदर में कमी लाना इस समय सबसे बड़ी चुनौती है। सन 2006 में भारत में 21 लाख और चीन में 4.15 लाख बच्चों की मौत हुई थी। यह संख्या पूरी दुनिया में हुई शिशु मृत्यु की एक तिहाई थी।
रिपोर्ट के अनुसार इस क्षेत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य पर सकल घरेलू उत्पाद का 1.9 फीसदी हिस्सा खर्च किया जाता है, जो कि विश्वस्तर पर किए जाने वाले 5.1 फीसदी खर्च से काफी कम है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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