दोहा वार्ताओं का स्थगित होना, दक्षिण अफ्रीका के लिए राहत
जोहांसबर्ग, 5 अगस्त (आईएएनएस)। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की दोहा दौर की वार्ताओं के पिछले सप्ताह जेनेवा में स्थगित हो जाने से दक्षिण अफ्रीका को राहत महसूस करना चाहिए। विश्लेषकों का कहना है कि वार्ताओं की सफलता दक्षिण अफ्रीका के हित मे नहीं थी।
जोहांसबर्ग, 5 अगस्त (आईएएनएस)। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की दोहा दौर की वार्ताओं के पिछले सप्ताह जेनेवा में स्थगित हो जाने से दक्षिण अफ्रीका को राहत महसूस करना चाहिए। विश्लेषकों का कहना है कि वार्ताओं की सफलता दक्षिण अफ्रीका के हित मे नहीं थी।
भारत और अमेरिका विशेष सुरक्षा प्रणाली (एसएसएम) पर सहमत नहीं हो पाए, इसलिए जेनेवा में डब्ल्यूटीओ की दोहा दौर की वार्ता आगे नहीं बढ़ पाई।
अफ्रीकी समाचार पत्र 'बील्ड' ने 'इंस्टीट्यूट फार ग्लोबल डिस्कशन' के वरिष्ठ अनुसंधानकर्ता ब्रेंडन विकर्स के हवाले से कहा, "प्रस्तावित समझौते के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका को विनिर्मित वस्तुओं पर आयात शुल्कों में कटौती करनी पड़ती, जबकि इसके कृषि जनित वस्तुओं के लिए नए बाजार की कोई व्यवस्था नहीं होती।"
ब्रेंडन का मानना है कि पिछले सात वर्षो से लंबित दोहा दौर की वार्ताओं का फिर से स्थगित होना अच्छा है। 'कांग्रेस आफ साउथ अफ्रीकन ट्रेड यूनियन्स' (कोसाटू) ने भी इन वार्ताओं के स्थगित होने से राहत महसूस की है।
पश्चिमी के प्रांत में कोसाटू के सचिव टोनी एहरेंरीच ने कहा, "किसी समझौते का नहीं होना खराब समझौता होने से बेहतर है।" यह फलों का निर्यात करने वाला दक्षिण अफ्रीका का सबसे बड़ा प्रांत है।
पत्र ने दक्षिण अफ्रीका के 'बिजनेस यूनिटी' में व्यापार नीति के प्रमुख कैथरीन ग्रांट के हवाले से कहा है कि दोहा दौर की वार्ताओं में 153 देश हिस्सा ले रहे हैं। फिलहाल इसका सातवें वर्ष में प्रवेश हुआ है। यदि 10 से 12 वर्ष के दौरान भी इसे सफलता मिल जाए तो भी यह बड़ी बात होगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।