बीजिंग ओलंपिक : भारतीय मूल के भारोत्तोलक की जीत के लिए प्रार्थना
पंजाबी ढाबा, (डिक्सन, कैलीफोर्निया), 5 अगस्त (आईएएनएस)। कनाडा में इन दिनों भारतीय मूल के भारोत्तोलक जसवीर सिंह की ओलंपिक में सफलता के लिए प्रार्थना का दौर जारी है। जसवीर कनाडा के लिए ओलंपिक में शिरकत करने जा रहे भारतीय मूल के पहले भारोत्तोलक हैं।
जसवीर के समर्थकों ने ओलंपिक में अपने चहेते खिलाड़ी की सफलता के लिए गुरु ग्रंथ साहिब का ग्यारह अखंड पाठ कराने का फैसला किया है। यही नहीं, उन्होंने जसवीर को देने के लिए 21 हजार डॉलर भी जुटाए हैं।
जसवीर के अलावा भारतीय मूल के छह अन्य खिलाड़ी ओलंपिक में शिरकत करने जा रहे हैं। ये सभी हॉकी टीम के सदस्य हैं।
ओलंपिक के लिए बीजिंग रवाना होने से पहले पिछले हफ्ते डिक्सन के सैंक्रामेंटो स्थित पंजाबी ढाबा पर जसवीर का सम्मान किया गया। सम्मान समारोह के आयोजक जेसी बंगा ने आईएएनएस को बताया, "हमने जसवीर को यहां बुलाकर शुभकामनाएं दीं। हमने उन्हें 21 हजार डॉलर का चेक भी दिया। अगर वे बीजिंग में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे तो हम उन्हें डॉलर से तौल देंगे। साथ ही हम उनकी सफलता के लिए अखंड पाठ भी करवाएंगे।"
अपने समर्थकों का धन्यवाद करते हुए जसवीर ने कहा कि वह स्वर्ण हासिल करने के लिए अपना पूरा दमखम झोंक देंगे।
वर्ष 2002 में जसवीर को कनाडा लाने के बाद उन्हें वहां की नागरिकता दिलाने वाले पूर्व भारतीय सांसद हरभजन लक्खा ने कहा, "हमारे लिए यह अत्यंत गर्व का विषय है कि हॉकी के अलावा किसी अन्य खेल में भारतीय मूल का कोई खिलाड़ी ओलंपिक में कनाडा का प्रतिनिधित्व करने जा रहा है। 11 अगस्त को जब जसवीर बीजिंग में अपनी किस्मत आजमाएंगे, तब हम सभी जागकर उनका प्रदर्शन देखेंगे।"
लाखा ने बताया कि जसवीर जालंधर के निकट स्थित करनाना गांव के एक गरीब अनुसूचित जाति परिवार से ताल्लुक रखते हैं। जसवीर अंतर-विश्वविद्यालय चैंपियन रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में देश का प्रतिनिधित्व किया है। वे पंजाब पुलिस में सहायक पुलिस निरीक्षक (एएसआई) के पद पर कार्यरत थे। वर्षो तक तरक्की नहीं मिलने के कारण वे निराश होकर कनाडा आने पर मजबूर हुए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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